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मुंबई के पवई में बच्चों को बंधक बनाने के मामले में इस घटना के थोड़ी ही देर बाद बड़ा मोड़ आया। आरोपी रोहित आर्या को पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई। पढ़िये पूरी रिपोर्ट
किडनैपिंग करने वाले आरोपी की मौत
Mumbai: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के उपनगर पवई में बच्चों को बंधक बनाने के मामले की घटना से जुड़ी अब बड़ी खबर सामने आई है। बच्चों को रेसक्यू करने के दौरान जवाबी कार्रवाई में आरोपी रोहित आर्या की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई। मृतक आरोपी ने लगभग 20 बच्चों को बंधक बनाया था। सभी बंधक बच्चों को पुलिस द्वारा सुरक्षित छुड़ा लिया गया लेकिन जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से रोहित की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी रोहित आर्या ने रेसक्यू ऑपरेशन के दौरान पुलिस को गोली चलाने की धमकी दी थी। इसके साथ ही उसने वीडियो जारी कर आग लगाने की भी चेतावनी दी थी। पुलिस को जवाबी कार्रवाई के दौरान आरोपी पर फायरिंग करनी पड़ी। आरोपी को गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ बच्चों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में हुई।
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एक महिला जो सीनियर सिटीजन बताई जा रही है और एक युवती जो ऑडिशन के लिए वहां मौजूद थी। पुलिस ने दोनों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया है। मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उनके परिजनों को बुलाया गया है। शहर में इस घटना के बाद राहत का माहौल है, लेकिन साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं।
गौरतलब है कि आज गुरुवार को मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब आर ए स्टूडियो के नाम से चल रहे एक प्रतिष्ठित दिखने वाले स्थान पर ऑडिशन के बहाने बीस बच्चों को अंदर बंद कर लिया गया। सुबह भारी संख्या में करीब सौ बच्चे ऑडिशन देने पहुंचे थे।
इस दौरान, स्टूडियो में काम करने वाले और यूट्यूब चैनल से जुड़े आरोपी रोहित ने कुछ बच्चों को जाने दिया, जबकि लगभग बीस बच्चों को भीतर रोक लिया गया। बच्चों के खिड़की से बाहर झांकते दिखने पर गली में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई और तुरन्त पुलिस को सूचित किया गया।
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सूचना मिलते ही स्थानीय थाना और स्पेशल टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्टूडियो को घेरकर माहौल को नियंत्रित किया और रणनीति बनाकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि बच्चों को किसी भी तरह का शारीरिक नुकसान नहीं हुआ और सभी को मानसिक रूप से सहारा देने के लिए परिवार वालों के हवाले कर दिया गया। इलाके में जमा अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली, पर घटना ने स्थानीय समुदाय में भय और सवाल भी छोड़ दिए।