

महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में अनधिकृत चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा बगल की खाली इमारत पर गिर जाने से एक मां-बेटी समेत 12 लोगों की मौत हो गई।
पालघर हादसे में 12 लोगों की मौत
मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में अनधिकृत चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा गिर जाने से एक मां-बेटी समेत 12 लोगों की मौत हो गई जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के बचावकर्मियों ने मलबे से जिन लोगों को निकाला उनमें छह लोगों की मौत के बाद आंकड़ा 12 तक पहुंचा।
स्थानीय लोगों के मुताबिक कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। बचाव कार्य खत्म होने में समय लग सकता है। इमारत का रास्ता संकरा होने के कारण भारी मशीनें यहां नहीं लाई जा सकीं।
महाराष्ट्र के पालघर में भीषण हादसा
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। छह शव मलबे में से निकाले गए, वहीं छह अन्य की मौत विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान हो गई। रमाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा मंगलवार रात 12 बजकर पांच मिनट पर ढह गया था। वसई विरार महनगरपालिका (वीवीएमसी) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने इमारत के बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने अब तक सात मृतकों की पहचान की है जिनमें आरोही ओंकार जोविल (24), उनकी एक वर्षीय बेटी उत्कर्षा जोविल, लक्ष्मण किस्कू सिंह (26), दिनेश प्रकाश सपकाल (43), सुप्रिया निवालकर (38), अर्नव निवालकर (11) और पार्वती सपकाल के रूप में की गई।
पालघर में हादसा
जिलाधिकारी इंदु रानी जाखड़ ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने मलबे में अब भी कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका जताई।
पालघर के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि गनीमत रही कि जिस चॉल या मकान पर इमारत गिरी, वह खाली था। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर इमारत के आसपास की सभी चॉल को खाली करा दिया गया है और उनमें रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
कदम ने बताया कि 2012 में निर्मित रमाबाई अपार्टमेंट में 50 फ्लैट हैं और ढहे हुए हिस्से में 12 अपार्टमेंट थे। वीवीएमसी के प्रवक्ता ने इमारत के ‘अवैध' होने की पुष्टि की।
वीवीएमसी के सहायक आयुक्त गिलसन गोंसाल्वेस ने कहा, ‘‘फिलहाल, मलबा हटाने का काम जारी है...।'' इस दुर्घटना के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं। गोंसाल्वेस ने कहा, ‘‘सभी प्रभावित परिवारों को चंदनसर समाजमंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। हम उन्हें भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।''