

गोरखपुर: दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म के प्रयास के दोषी को 5 साल की सजा, 31,000 रुपये का जुर्माना,पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: जनपद गोरखपुर की कोतवाली पुलिस और न्यायालय की सख्ती ने एक बार फिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में सफलता हासिल की है। वर्ष 2019 में थाना कोतवाली पर दर्ज दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म के प्रयास और मारपीट के एक सनसनीखेज मामले में मंगलवार को न्यायालय ने अभियुक्त फैजान अली को दोषी करार देते हुए 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 31,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला उत्तर प्रदेश पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। मामला वर्ष 2019 का है, जब थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।
डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट अनुसार अभियुक्त फैजान अली, पुत्र अब्दुल कय्यूम, निवासी मोहल्ला महादेवा, थाना बड़हलगंज, गोरखपुर, पर भारतीय दंड संहिता की धारा दहेज उत्पीड़न,दुष्कर्म का प्रयास, मारपीट, धमकी, और दहेज निषेध अधिनियम की धारा के तहत आरोप लगे थे। पीड़िता की शिकायत के अनुसार, फैजान ने दहेज के लिए लगातार उत्पीड़न किया, मारपीट की और उसकी अस्मत लूटने की कोशिश की। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में काफी हलचल मचाई थी।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के निर्देशन में कोतवाली थाने के प्रभारी निरीक्षक छत्रपाल सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया।
अभियान का उद्देश्य अपराधियों को सजा
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की मॉनिटरिंग सेल और थाने के पैरोकारों ने सबूतों को मजबूती से एकत्रित किया। माननीय न्यायालय ASJ/FTC-1, गोरखपुर में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (ADGC) धीरेन्द्र जायसवाल ने प्रभावी पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप अभियुक्त को दोषी ठहराया गया।“ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के निर्देश पर चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य अपराधियों को सजा दिलाने और समाज में कानून का राज स्थापित करना है।
भविष्य में भी ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई
इस मामले में पुलिस और न्यायिक तंत्र की तालमेल ने एक बार फिर यह साबित किया कि अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एक नागरिक, राम प्रसाद ने कहा, “ऐसे फैसले समाज में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने में मदद करते हैं। पुलिस और कोर्ट का यह कदम सराहनीय है।” वहीं, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे भविष्य में भी ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रखेंगे।यह सजा न केवल फैजान अली के लिए एक सबक है, बल्कि उन सभी अपराधियों के लिए भी चेतावनी है जो कानून को हल्के में लेते हैं। गोरखपुर पुलिस की इस उपलब्धि ने एक बार फिर जनता का भरोसा जीता है।