

गोरखपुर: झंगहा में जहरीली शराब का काला कारोबार: पुलिस की मिलीभगत का सनसनीखेज खुलासा! पढिए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पुलिस की मिलीभगत का सनसनीखेज खुलासा!
गोरखपुर : गोरखपुर के झंगहा थाना क्षेत्र में कच्ची जहरीली शराब का अवैध धंधा जोरों पर है। राजधानी गांव के मंगलपुर, विश्वनाथपुर के मियांन टोला, राजी जगदीशपुर की मुसहर बस्ती, अमहिया के कोड़ाई टोला और गहिरा के पाण्डेय टोला जैसे कई इलाकों में यह काला कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। सूत्रों का दावा है कि इस गोरखधंधे को स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त है, जिसके तहत कारोबारियों को हर महीने 3,000 से 4,000 रुपये का "नजराना" पुलिस को देना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, जब भी आबकारी विभाग कार्रवाई की योजना बनाता है, स्थानीय पुलिस पहले ही शराब माफियाओं को सतर्क कर देती है। इस वजह से कई बार छापेमारी नाकाम रहती है। हालांकि, बीते 5 मई को आबकारी निरीक्षक अर्पित शुक्ला ने अपनी टीम के साथ विश्वनाथपुर के मियांन टोला में छापा मारकर 20 लीटर कच्ची शराब बरामद की और एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया। इस दौरान करीब 4 क्विंटल लहन भी नष्ट किया गया। आबकारी अधिनियम की धारा 60 के तहत दो अभियोग दर्ज किए गए।
डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट अनुसार यह जहरीली शराब न केवल लोगों की सेहत के लिए खतरा है, बल्कि क्षेत्र में सामाजिक बुराइयों को भी बढ़ावा दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस धंधे पर रोक लगाने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन पुलिस और कारोबारियों की कथित सांठगांठ के चलते यह मुमकिन नहीं हो पा रहा।
आबकारी विभाग की ताजा कार्रवाई ने इस काले कारोबार पर कुछ हद तक लगाम लगाई है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई इस धंधे को जड़ से खत्म कर पाएगी? या फिर पुलिस और माफियाओं की मिलीभगत इसे और पनपने देगी? जनता की निगाहें अब प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।
प्रदेश में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों के मामलों को रोकने के लिए सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। इसमें खास बात यह होगी कि अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास और अधिकतम 50 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है।
प्रदेश में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों के मामलों को रोकने के लिए सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। इसमें खास बात यह होगी कि अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास और अधिकतम 50 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है।