

गोरखपुर के गोला में गौशाला घोटाला सामने आया है, जिसको सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गाय को ले नाते समय सन्दिग्ध
गोरखपुर: जिले के गोला तहसील के बडैला ग्राम सभा की गौशाला से गायों की तस्करी का सनसनीखेज वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस वीडियो ने न सिर्फ प्रशासन को हिलाकर रख दिया, बल्कि गांव के प्रधान की बदलती-बदलती बातों ने भी लोगों के कान खड़े कर दिए।
आइए, जानते हैं पूरा माजरा
डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट अनुसार वायरल वीडियो में गाय ले जाते पकड़े गए युवक वीडियो में दो युवक गौशाला से गाय को एक पिकअप वैन में लादते दिख रहे हैं। वीडियो शूट करने वाले ने जब उनसे सवाल किया, तो जवाब आया, "रिश्तेदारी में नेवादा भेज रहे हैं।" लेकिन मजेदार ट्विस्ट ये है कि पिकअप का नंबर प्लेट किसी दूसरे जिले का था! सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही लोग सवाल उठाने लगे– क्या ये तस्करी का खेल है?
प्रशासन की हड़बड़ाहट
वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई। कागजों में तो गौशाला में सब कुछ "ऑल इज वेल" था, लेकिन हकीकत कुछ और निकली। आनन-फानन में पशु चिकित्सकों की टीम गौशाला पहुंची। गायों की गिनती शुरू हुई और उन्हें टैग करने की कवायद छेड़ दी गई ताकि कोई कमी न पकड़ी जाए। लेकिन सवाल ये है क्या ये सिर्फ आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है?
प्रधान के तीन-तीन बयान, बढ़ी शंका
गांव के प्रधान नन्हे यादव की सफाई ने और सस्पेंस पैदा कर दिया। पहले बोले: "गाय भेजी थी, लेकिन वापस मंगा लिया।
फिर बात बदली
"गायों की नीलामी तो होती रहती है।"
तीसरे बयान में पलट गए
"ये सब विरोधियों की साजिश है, हमें फंसाया जा रहा है!"प्रधान जी की ये उलट-पुलट बातें सुनकर जनता का माथा ठनक रहा है।
आखिर सच क्या है? एसडीएम की दलील
नीलामी नहीं, सुपुर्दगी !एसडीएम अमित कुमार जायसवाल ने मामले को साफ करने की कोशिश की। उनका कहना है "गायों की नीलामी नहीं होती, बल्कि विकासखंड और पशुपालन विभाग की निगरानी में सुपुर्दगी होती है।"
लेकिन जनता पूछ रही है अगर सब कुछ पारदर्शी है, तो वीडियो में गायें रात के अंधेरे में क्यों ले जाई जा रही थीं?