

नवरात्र के पावन पर्व पर जहां एक तरफ देशभर में छोटी बच्चियों को देवी का का स्वारूप माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ बीकानेर से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पत्थर के नीचे दबी मिली बच्ची
Raipur: नवरात्र का समय हमेशा ही भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक उल्लास का होता है, जब लोग देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं और कन्या पूजन जैसी पवित्र परंपराएं निभाते हैं। लेकिन इस बीच, राजस्थान के बीकानेर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने समाज को हिलाकर रख दिया है। नवजातों को फेंकने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि हमारे समाज की संवेदनशीलता कहां जा रही है।
रविवार रात बीकानेर के बाहरी इलाके में एक नवजात बच्ची को लावारिस हालत में फेंक दिया गया। राहगीरों को बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों को सूचित किया। सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को अस्पताल भेजा। राहत की बात यह है कि बच्ची की हालत अब स्थिर है।
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इससे पहले भीलवाड़ा और पाली में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें नवजातों को सड़क पर या अन्य जगहों पर फेंक दिया गया था। इन घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। जब लोग नवरात्र के दौरान देवी पूजा में व्यस्त हैं, तब कुछ लोग मानवता की मिसाल पेश करने के बजाय ऐसी क्रूरता को अंजाम दे रहे हैं।
समाजसेवी संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की गहरी संवेदनहीनता को दर्शाता है। उनका यह भी कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और इसे रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।बीकानेर की इस घटना के बाद, लोगों में गहरी चिंता और आक्रोश देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं और कहा है कि ऐसी घटनाओं पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि आने वाले समय में किसी मासूम की जान इस तरह से खतरे में न पड़े।
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इस घटना के साथ ही राजस्थान में एक और दर्दनाक मामले ने सभी को झकझोर दिया था। भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया क्षेत्र में एक दस से बारह दिन का नवजात बच्चा जंगल में पत्थरों के नीचे दबा पाया गया था। इस मासूम की चीखें दबाने के लिए उसकी मुंह पर फेवी क्विक लगाया गया था, जिससे उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। लेकिन शुक्र है कि समय रहते बच्चा बचा लिया गया।