हिंदी
उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में ईडी की टीम ने गुरुवार को छापा मारा। फर्जी डिग्री रैकेट से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच में ईडी ने कॉलेज का सर्वर रूम सील कर कई दस्तावेज जब्त किए। प्राचार्य और स्टाफ के फोन कब्जे में लेकर एजेंसी ने जांच तेज कर दी है।
सरस्वती मेडिकल कॉलेज में ईडी ने मारा छापा
Unnao: कानपुर-लखनऊ हाईवे पर स्थित सोहरामऊ क्षेत्र के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने अचानक छापा मारकर हड़कंप मचा दिया। यह कार्रवाई फर्जी डिग्री और आर्थिक अनियमितताओं की जांच से जुड़ी बताई जा रही है। ईडी की तीन गाड़ियां सुबह करीब 9 बजे मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर पहुंचीं। टीम के पहुंचते ही कॉलेज परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने तत्काल कैंपस को घेर लिया और किसी को भी अंदर या बाहर जाने की अनुमति नहीं दी।
ईडी की टीम ने सरस्वती मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन, लेखा अनुभाग और सर्वर रूम को अपने कब्जे में ले लिया। टीम ने पहुंचते ही प्राचार्य डॉ. आर.एल. श्रीवास्तव, मैनेजर, अकाउंटेंट और अन्य स्टाफ के मोबाइल फोन जमा करा लिए और उन्हें अपने-अपने कमरों में ही रहने के निर्देश दिए। इसके बाद अकाउंट विभाग के कंप्यूटर, दस्तावेज और हार्ड डिस्क जब्त कर लिए गए। ईडी अधिकारियों ने सर्वर रूम को सील कर दिया ताकि किसी भी डिजिटल डेटा में छेड़छाड़ न की जा सके।
ईडी ऑफिस को उड़ाने की धमकी! बम निरोधक दस्ते ने की तलाशी, फर्जी मेल से फैली दहशत
ईडी की यह कार्रवाई सीधे तौर पर मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री और मार्कशीट घोटाले से जुड़ी मानी जा रही है। 2023 में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी (हापुड़) में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया था, जिसमें नकली डिग्रियां और मार्कशीट बेचने का अंतरराज्यीय रैकेट सक्रिय था। यह रैकेट 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक लेकर असफल छात्रों को नकली डिग्रियां उपलब्ध कराता था।
ईडी की टीम के साथ पहुंचे सीआरपीएफ के जवानों ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर सुरक्षा घेरा बना दिया है। सिर्फ ईडी अधिकारियों और संबंधित दस्तावेजों को ही परिसर के अंदर आने-जाने की अनुमति है। कॉलेज की इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी गई हैं, लेकिन अन्य विभागों में प्रवेश पर रोक है।
ईडी की टीम कॉलेज के वित्तीय लेन-देन, बैंक खातों और पिछले तीन वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट्स की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार, ईडी को कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली थी जो फर्जी डिग्री रैकेट से संबंधित व्यक्तियों के खातों से जुड़े हो सकते हैं। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मोनाड यूनिवर्सिटी में हुई करोड़ों की फर्जी कमाई का पैसा कहां निवेश किया गया और उसमें सरस्वती मेडिकल कॉलेज या उससे जुड़े किसी अधिकारी की भूमिका है या नहीं।
मोनाड यूनिवर्सिटी का मामला 2023 में तब सुर्खियों में आया जब एसटीएफ ने वहां फर्जी डिग्री बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि यह गिरोह वॉट्सएप के माध्यम से दस्तावेज मंगवाकर नकली डिग्री तैयार करता था और उन्हें दो दिन के भीतर कोरियर से भेज देता था। जांच में विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें सनी कश्यप, कुलदीप, विपुल चौधरी, इमरान और संदीप कुमार जैसे कर्मचारी भी शामिल थे जो सीधे तौर पर नकली डिग्री तैयार करने में संलिप्त थे।
ईडी के साथ-साथ आयकर विभाग भी इस अवैध कमाई के अंतिम ठिकाने की खोज में जुटा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि फर्जी डिग्री रैकेट की रकम कई शैक्षणिक संस्थानों, ट्रस्टों और मेडिकल कॉलेजों में निवेश की गई थी ताकि इसे वैध दिखाया जा सके।