बिन ब्याही मां बनी युवती के बेटे और प्रशिक्षु सिपाही के बीच दोबारा डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। युवती ने पुलिस से मिलकर पहले टेस्ट पर सवाल उठाए हैं। कॉल डिटेल और मेडिकल प्रक्रिया की भी जांच शुरू हो गई है।

प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Moradabad: बिन ब्याही मां बनी युवती और एक प्रशिक्षु सिपाही से जुड़े चर्चित मामले में अब दोबारा डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी की जा रही है। गुरुवार दोपहर युवती अपनी मौसी और चचेरे भाई के साथ एसपी सिटी कार्यालय पहुंची और अधिकारियों से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। युवती ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसके बेटे का पिता वही प्रशिक्षु सिपाही है, जिसने उससे शादी का भरोसा देकर संबंध बनाए थे। पूरे मामले में उठे विवाद और पहले डीएनए टेस्ट को लेकर सवालों के बाद पुलिस ने पुनः डीएनए जांच कराने का फैसला लिया है।
मझोला थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली युवती ने पुलिस को बताया कि अमरोहा जिले के डिडौली क्षेत्र निवासी प्रशिक्षु सिपाही से उसके पिछले करीब दो वर्षों से प्रेम संबंध थे। दोनों के बीच नियमित बातचीत होती थी और युवक ने उसे शादी का भरोसा दिया था। युवती का आरोप है कि इसी भरोसे पर सिपाही ने उसे कई बार मुरादाबाद के अलग-अलग होटलों में बुलाया और शारीरिक संबंध बनाए।
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जून माह में प्रशिक्षु सिपाही ट्रेनिंग के लिए फिरोजाबाद चला गया। इसी दौरान युवती की तबीयत लगातार खराब रहने लगी और उसे तेज बुखार रहने लगा। परिजनों ने जब उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि वह चार माह की गर्भवती है। यह जानकारी मिलते ही परिवार में हड़कंप मच गया। परिजनों की पूछताछ पर युवती ने पूरी सच्चाई बताई और प्रशिक्षु सिपाही का नाम लिया। इसके बाद युवती की मौसी ने युवक से फोन पर बात की और गर्भ की जानकारी दी। आरोप है कि इस बातचीत में सिपाही ने गर्भपात कराने की बात कही थी। मौसी ने इस बातचीत को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड भी कर लिया था।
परिवार और सामाजिक दबाव के बीच युवती ने 26 नवंबर को एक बेटे को जन्म दिया। जन्म के बाद उम्मीद थी कि सिपाही जिम्मेदारी स्वीकार करेगा, लेकिन उसने बच्चे को अपनाने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, जिसमें मामला सुलझाने की कोशिश की गई।
दिल्ली की एक निजी लैब में प्रशिक्षु सिपाही और बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया गया। सिपाही के परिवार का दावा है कि रिपोर्ट में डीएनए मैच नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने युवती को अपने घर में रखने और बच्चे को अपनाने से पूरी तरह इनकार कर दिया। युवती का आरोप है कि उसे यह तक नहीं बताया गया कि उसके बेटे को डीएनए टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है। उसे सिर्फ इतना कहा गया था कि बच्चे की तबीयत ठीक नहीं है और डॉक्टर के पास ले जाया जा रहा है। इसी बात को लेकर उसने डीएनए रिपोर्ट की प्रक्रिया और निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
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गुरुवार को युवती अपने नवजात बेटे को गोद में लेकर एसपी सिटी कार्यालय पहुंची। उसने एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस अधिकारियों के सामने उसने दोबारा डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अब सरकारी प्रक्रिया के तहत दोबारा डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए सीएमओ से समन्वय कर मेडिकल प्रक्रिया पूरी की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच में जुट गई है। एसपी सिटी के आदेश पर युवती और प्रशिक्षु सिपाही की पिछले दो वर्षों की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है। इससे यह साफ हो सकेगा कि दोनों के बीच कब और कितनी बार बातचीत हुई थी। इसके साथ ही पुलिस उन डॉक्टरों और लैब कर्मियों से भी पूछताछ करेगी, जिन्होंने पहले डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट तैयार की थी। जांच का मकसद यह पता लगाना है कि रिपोर्ट किस प्रक्रिया से बनाई गई और उसमें किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई।