एक बेगुनाह की मौत, एक गांव की चीख, गोरखपुर से हैरान कर देने वाला मामला

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हत्या का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसने कई सवाल खड़े कर दिए है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गोरखपुर: एक शख्स जो परदेस में पसीना बहाकर अपनों के लिए रोटी कमाता था, वह अपने ही गांव की मिट्टी में खून से लथपथ पाया गया। 52 वर्षीय रामकेवल निषाद की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने मंगलपुर की नींदें उड़ा दी हैं। बीएसएनएल एक्सचेंज की छत से नीचे फेंककर की गई हत्या ने कई सवालों को जन्म दे दिया है – सवाल जो केवल न्याय की मांग नहीं करते, बल्कि इंसानियत को झकझोरते हैं।

डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार स्थानीय सूत्रों की मानें तो बीएसएनएल एक्सचेंज अब सरकारी इमारत कम, और देर रात चलने वाली पार्टियों का अड्डा ज़्यादा बन चुका है। शराब, मांस और शोर-गुल के बीच दब गई एक ज़िंदगी की आवाज़।

हत्या के बाद सन्नाटा क्यों?

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रामकेवल की मौत के बाद न तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया, न पुलिस को खबर दी गई। क्या कोई कुछ छिपा रहा था? क्यों नहीं दी गई तत्काल सूचना?

पुलिस जांच और उम्मीद की किरण

गश्त पर निकली पुलिस की सतर्कता से हुआ खुलासा, मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम और गुलरिहा थाना की संयुक्त कार्रवाई ने जांच को तेज कर दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है, जिससे हत्या की असली वजह सामने आने की उम्मीद है।

रामकेवल कौन था?

बेंगलुरु में मेहनत से अपना नाम और काम कमाने वाला एक ठेकेदार – जिसके जाने से न सिर्फ़ एक परिवार उजड़ गया, बल्कि एक गांव को अपने भीतर झांकने पर मजबूर कर गया। एक सवाल, जो सबको परेशान कर रहा है: क्या सचमुच एक्सचेंज के भीतर कुछ ऐसा चल रहा है जो कानून और इंसानियत दोनों के खिलाफ है? मंगलपुर मांग रहा है जवाब। एक बेगुनाह की मौत, कई गुनहगारों की चुप्पी – और एक गांव की पुकार: "हमें सच चाहिए, हमें न्याय चाहिए। साथ ही इस मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।

मृतक की गतिविधियों को एक्सचेंज से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे संदेह गहरा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस एक्सचेंज के भीतर कुछ ऐसा चल रहा है जो न सिर्फ कानून बल्कि मानवता के भी खिलाफ है। क्या इसमें कोई संगठित गिरोह शामिल है? क्या यह हत्या किसी आर्थिक या व्यापारिक संघर्ष के चलते हुई? ये सवाल अब सिर्फ एक गांव के लिए नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था के लिए चुनौती बन गए हैं।

Location : 

Published :