Crime In Pratapgarh: भाई ने ही कराया भाई का अपहरण, मांगी फिरौती; जानें पूरा मामला

प्रतापगढ़ के अपहरण कांड में ममेरा भाई ही निकला मास्टरमाइंड, मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 19 June 2025, 6:00 PM IST
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प्रतापगढ़: जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में 18 जून की देर रात हुए 10 वर्षीय बालक के अपहरण की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी। परिवार को उस वक्त और भी झटका लगा, जब फिरौती के लिए धमकी भरा कॉल आया। हालांकि प्रतापगढ़ पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सिर्फ 6 घंटे में बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि अपहरणकर्ता कोई और नहीं, बल्कि बालक का ममेरा भाई शिवम पटेल निकला।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 19 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी संजय राय ने बताया कि रात 11:11 बजे बच्चे के पिता को अज्ञात कॉल पर 5 लाख की फिरौती मांगी गई थी। मामला दर्ज होते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने टीमें गठित कर ऑपरेशन शुरू कराया।

दोस्त के साथ मिलकर रची साजिश

तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल सर्विलांस, और सीसीटीवी की मदद से शिवम पटेल को नवाबगंज थाना क्षेत्र के चैनी के पुरवा के पास से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से पल्सर बाइक, आईफोन 14 और सिम कार्ड बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि वह 13 लाख की लागत से कॉस्मेटिक की दुकान चला रहा था, जिसमें से 6 लाख रुपये का कर्ज वह चुका नहीं पाया था। कर्ज और पैसों की जरूरत ने उसे अपराध की ओर धकेल दिया। उसने अपने दोस्त रितिक यादव के साथ मिलकर यह साजिश रची।

बड़ी आपराधिक योजना

पुलिस की मुस्तैदी से न केवल बच्चे को सुरक्षित वापस लाया गया, बल्कि एक बड़ी आपराधिक योजना को भी विफल कर दिया गया। इस मिशन में नवाबगंज थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, स्वाट प्रभारी सुनील कुमार यादव समेत कई पुलिसकर्मियों ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस अब फरार सहआरोपी रितिक यादव की तलाश में मुंबई में दबिश दे रही है। यह मामला रिश्तों में छिपे विश्वासघात और आर्थिक दबाव से उपजे अपराध की दर्दनाक तस्वीर पेश करता है। प्रतापगढ़ पुलिस की तत्परता और तकनीकी दक्षता की पूरे जिले में सराहना की जा रही है।

मासूम की बचाई जिंदगी

जिले कि पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक मासूम की जिंदगी बचाई और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। यह मामला समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि आर्थिक तंगी और लालच किस तरह इंसान को अपराध की राह पर धकेल सकते हैं। साथ ही, यह पुलिस की सजगता और तकनीकी कौशल का एक जीवंत उदाहरण है।

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