

अवैध धर्मांतरण रैकेट के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का नेटवर्क अब उत्तराखंड तक फैल चुका है। यूपी एसटीएफ ने देहरादून के शंकरपुर क्षेत्र से उसके सहयोगी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है, जो पहले हिंदू था और धर्म बदलकर नेटवर्क का हिस्सा बन चुका था। वहीं, देहरादून पुलिस ने एक इंस्टाग्राम ग्रुप के ज़रिए हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था।
उत्तराखंड तक फैला छांगुर का नेटवर्क
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का नेटवर्क अब उत्तराखंड तक फैल गया है। यूपी एसटीएफ ने देहरादून से उसके करीबी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, देहरादून पुलिस ने एक इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए धर्मांतरण की साजिश का खुलासा करते हुए पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
देहरादून में छांगुर का नेटवर्क उजागर
बलरामपुर निवासी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर, जो देश में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का सरगना बताया जा रहा है, उसका नेटवर्क अब उत्तराखंड तक फैला हुआ है। यूपी एसटीएफ ने देहरादून के शंकरपुर इलाके से उसके करीबी सहयोगी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि अब्दुल रहमान पहले हिंदू था और छांगुर के संपर्क में आने के बाद इस्लाम कबूल कर चुका था। उसने देहरादून और लखनऊ में दो शादियां भी की थीं। जांच में खुलासा हुआ है कि अब्दुल रहमान स्थानीय स्तर पर धर्मांतरण की गतिविधियों को संचालित कर रहा था और छांगुर के नेटवर्क का अहम हिस्सा था। उसके घर से दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए हो रही थी साजिश
देहरादून पुलिस को यूपी एसटीएफ से मिली सूचना के बाद एक इंस्टाग्राम ग्रुप पर नजर रखी जा रही थी। जांच में सामने आया कि यह ग्रुप हिंदू लड़कियों, खासकर ब्राह्मण और सिख समुदाय की युवतियों को टारगेट कर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहा था। रानीपोखरी क्षेत्र के एक व्यवसायी की बेटी को इस ग्रुप के माध्यम से ब्रेनवॉश करने की कोशिश की जा रही थी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने अब्दुल रहमान (देहरादून), अबु तालिब (मुजफ्फरनगर), अयान और अमन (दिल्ली) और श्वेता (गोवा) के खिलाफ उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि ये सभी लोग सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को फंसाने और लालच देकर धर्मांतरण कराने में लगे थे।
लड़कियों को लाखों रुपये का प्रलोभन
छांगुर द्वारा संचालित इस रैकेट के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जांच में पता चला कि यह गिरोह हिंदू लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए लाखों रुपये का लालच देता था। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों को 15-16 लाख, पिछड़ी जातियों की लड़कियों को 10-12 लाख, और अन्य को 8-10 लाख रुपये तक की पेशकश की जाती थी। छांगुर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, आजमगढ़, बरेली, मुरादाबाद के अलावा उत्तराखंड में भी सक्रिय हो चुका है। यह नेटवर्क सोशल मीडिया और फर्जी धार्मिक संगठनों के जरिए धर्मांतरण को अंजाम दे रहा था।
ईडी ने शुरू की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। छांगुर और उसके साथियों के पास 60 करोड़ रुपये से ज्यादा की संदिग्ध विदेशी फंडिंग का सुराग मिला है। इन पैसों का इस्तेमाल महंगी गाड़ियाँ, कोठियाँ और शोरूम खरीदने में किया गया। ये फंडिंग हवाला और एनजीओ के माध्यम से देश में धर्मांतरण के लिए उपयोग की जा रही थी।