

बिजनौर के स्योहारा क्षेत्र में 12 वर्षीय राघव की हालत इलाज में लापरवाही के कारण बिगड़ी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने सही समय पर इलाज नहीं किया, जिससे बच्चे की हालत गंभीर हो गई। रमन मैटरनिटी सर्जिकल सेंटर पर इस लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
बिजनौर में इलाज में लापरवाही का आरोप
Bijnor: जिले के स्योहारा क्षेत्र में एक अस्पताल में इलाज के दौरान 12 वर्षीय बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामला रमन मैटरनिटी सर्जिकल सेंटर का है, जहां 12 वर्षीय राघव की इलाज के दौरान स्थिति गंभीर हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की जान को खतरा उत्पन्न हुआ।
ग्राम पोटी पोटा, थाना नूरपुर के निवासी ब्रह्मपाल सिंह ने शुक्रवार को अपने बेटे राघव (12) को तेज बुखार की शिकायत के बाद रमन मैटरनिटी सर्जिकल सेंटर में भर्ती कराया था। शुरुआत में डॉक्टरों ने उसकी प्राथमिक जांच की और फिर उसे धामपुर भेजकर ब्लड टेस्ट कराया। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे को ‘काला पीलिया’ (जॉन्डिस) का शिकार पाया गया, साथ ही उसकी प्लेटलेट्स की संख्या भी काफी कम थी।
बिजनौर में इलाज में लापरवाही का आरोप
ब्लड टेस्ट रिपोर्ट के बाद, डॉक्टरों ने राघव को प्लेटलेट्स चढ़ाई। सुबह तक उसकी स्थिति सामान्य बताई गई थी। 12:30 बजे के आसपास प्लेटलेट्स चढ़ाई गईं और डॉक्टरों ने बच्चों की स्थिति पर निगरानी रखना शुरू किया। रात के करीब 4 बजे तक राघव की हालत स्थिर बनी रही, और उसकी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। परिजनों ने राहत की सांस ली, लेकिन अगले कुछ घंटों में स्थिति पूरी तरह से बदल गई।
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सुबह करीब 10 बजे के आसपास, राघव की तबीयत फिर से बिगड़ने लगी। उसकी बेचैनी बढ़ गई और स्थिति गंभीर हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इस दौरान पर्याप्त ध्यान नहीं दिया, जिससे बच्चे की जान खतरे में आ गई। बच्चे के पिता ब्रह्मपाल सिंह ने इस लापरवाही के लिए अस्पताल और डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि यदि समय पर उचित इलाज किया जाता तो शायद राघव की हालत खराब नहीं होती।
घटना के बाद परिजनों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिजनों का कहना है कि बच्चों का इलाज गंभीरता से किया जाना चाहिए था, और यदि डॉक्टर समय पर सही कदम उठाते तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। अब परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से इस मामले में स्पष्टीकरण और न्याय की उम्मीद जताई है।
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हालांकि, अस्पताल की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अस्पताल प्रशासन ने इस घटना पर चुप्पी साध रखी है और अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। अब देखना यह होगा कि क्या अस्पताल प्रशासन इस घटना पर कोई कार्रवाई करता है या परिजनों की शिकायत को नजरअंदाज किया जाता है।