ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा: दरोगा की कार से टकराई 4 वर्षीय बच्ची, हालत नाजुक, परिजनों में आक्रोश

मासूम को गंभीर हालत में मोहन स्वरूप अस्पताल जीटी रोड में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 7 June 2025, 8:11 PM IST
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ग्रेटर नोएडा: ईद उल अजहा के पावन मौके पर एक दर्दनाक हादसे ने खुशियों के माहौल को गमगीन कर दिया। दादरी के बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के शादीपुर छिड़ौली गांव में ईद की नमाज के बाद लौट रहे पुलिस उपनिरीक्षक की कार की चपेट में आकर चार वर्षीय बच्ची इल्फा गंभीर रूप से घायल हो गई। मासूम को गंभीर हालत में मोहन स्वरूप अस्पताल जीटी रोड में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज जारी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, बादलपुर कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक शनिवार सुबह गांव में ईद उल अजहा की नमाज की व्यवस्था संभालने के लिए पहुंचे थे। नमाज के बाद जब वह अपनी कार से लौट रहे थे, तभी इल्फा नामक बच्ची अचानक कार के सामने आ गई। तेजी से ब्रेक लगाने के बावजूद वह कार की चपेट में आ गई।

घटना के बाद मची अफरातफरी

हादसा होते ही स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बच्ची को संभाला और परिजन भी कुछ ही देर में वहां पहुंच गए। उपनिरीक्षक ने भी तुरंत कार रोक दी और स्वयं घायल बच्ची को अस्पताल पहुंचाने में सहयोग किया।

अस्पताल में भर्ती, स्थिति स्थिर

इल्फा को तुरंत मोहन स्वरूप अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची के सिर और पैरों में चोटें आई हैं, लेकिन उसकी हालत स्थिर है। उसे फिलहाल ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

एडिशनल डीसीपी ने लिया जायजा

घटना की सूचना मिलते ही एडिशनल डीसीपी (जोन द्वितीय) भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्ची के परिजनों से मुलाकात कर उसकी स्थिति के बारे में जानकारी ली और हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। पुलिस अधिकारी मौके पर घटना की विवेचना कर रहे हैं।

कोई शिकायत नहीं, जांच जारी

बादलपुर थाना प्रभारी ने बताया कि फिलहाल परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। उन्होंने कहा कि हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। परिजनों से बातचीत के बाद आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों में गुस्सा, लेकिन कोई विवाद नहीं

घटना के बाद गांव में कुछ समय के लिए तनावपूर्ण माहौल बन गया था, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सूझबूझ से कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने केवल यह मांग की कि घायल बच्ची के इलाज में कोई कमी न हो और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।

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