

रुबिकॉन रिसर्च ने आज अपना बहुप्रतीक्षित IPO लॉन्च किया है, जिसमें ₹1377.50 करोड़ जुटाने का लक्ष्य है। ऊपरी मूल्य बैंड ₹485 के मुकाबले ग्रे मार्केट में शेयर ₹565 पर ट्रेड कर रहा है, जो मजबूत निवेश भावना को दर्शाता है।
रुबिकॉन रिसर्च IPO लॉन्च
New Delhi: फार्मास्युटिकल्स कंपनी रुबिकॉन रिसर्च ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को आज निवेशकों के लिए खोल दिया है। यह आईपीओ ₹1,377.50 करोड़ के कुल आकार के साथ बाजार में उतरा है, जिसमें कंपनी का नया निर्गम ₹500 करोड़ का और प्रमोटर जनरल अटलांटिक सिंगापुर का ₹877.50 करोड़ का बिक्री प्रस्ताव (OFS) शामिल है। रुबिकॉन रिसर्च के इस आईपीओ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां यहां दी गई हैं, जिन्हें निवेशकों को सब्सक्रिप्शन करने से पहले जरूर जानना चाहिए।
रुबिकॉन रिसर्च का यह IPO ₹461 से ₹485 प्रति शेयर के मूल्य बैंड पर खुला है। इस आईपीओ में कुल 31.1 लाख शेयर जारी किए जा रहे हैं, जिनमें से 13 लाख शेयर कंपनी द्वारा नया निर्गम है और 18.1 लाख शेयर प्रमोटर द्वारा बिक्री के लिए पेश किए गए हैं। इस आईपीओ का उद्देश्य कंपनी को पूंजी जुटाकर अपने अनुसंधान और विकास कार्यों को मजबूत करना और विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाना है।
रुबिकॉन रिसर्च आईपीओ में न्यूनतम लॉट साइज 30 शेयरों का है। इसका मतलब है कि एक निवेशक कम से कम 30 शेयरों के लिए आवेदन कर सकता है। यदि निवेशक ऊपरी मूल्य बैंड (₹485 प्रति शेयर) पर बोली लगाए, तो एक लॉट की कीमत ₹14,550 होगी। वहीं, अधिकतम 13 लॉट यानी 390 शेयरों के लिए बोली लगाने पर ₹1,89,150 की राशि की जरूरत पड़ेगी। निवेशक इस लॉट साइज के गुणकों में आवेदन कर सकते हैं।
IPO के पहले ही दिन धराशायी हुआ इस कंपनी के शेयर, रिटेल निवेशकों में छाई मायूसी
रुबिकॉन रिसर्च आईपीओ में विभिन्न निवेशक वर्गों के लिए शेयरों का आरक्षण भी तय किया गया है। योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए 75% से अधिक हिस्सेदारी आरक्षित है। गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए 15% और खुदरा निवेशकों के लिए कम से कम 10% शेयर आरक्षित किए गए हैं। यह आरक्षण नीति सुनिश्चित करती है कि विभिन्न प्रकार के निवेशकों को इस आईपीओ में भागीदारी का उचित मौका मिले।
फार्मा सेक्टर में बड़ा मौका
आईपीओ के लॉन्च से पहले रुबिकॉन रिसर्च ने एंकर निवेशकों से ₹619 करोड़ की राशि जुटाई है। एंकर निवेशकों में गोल्डमैन सैक्स, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, फिडेलिटी फंड्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, कोटक महिंद्रा एमएफ, अमांसा होल्डिंग्स और अरंडा इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे बड़े घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशक शामिल हैं। एंकर निवेशकों की यह भागीदारी आईपीओ की विश्वसनीयता और आकर्षकता को दर्शाती है।
रुबिकॉन रिसर्च के आईपीओ के लिए ग्रे मार्केट में सकारात्मक माहौल बना हुआ है। अनौपचारिक बाजार में रुबिकॉन रिसर्च के गैर-सूचीबद्ध शेयर ₹565 प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि आईपीओ के ऊपरी मूल्य बैंड ₹485 से लगभग 16.49% अधिक है। इस उच्च ग्रे मार्केट प्रीमियम का मतलब है कि निवेशकों की रुचि इस आईपीओ के प्रति अच्छी है और संभावित रूप से आईपीओ के अंतर्गत शेयरों की मांग मजबूत रहेगी।
रुबिकॉन रिसर्च एक अग्रणी फार्मास्युटिकल कंपनी है, जो नए दवाओं के विकास और अनुसंधान पर केंद्रित है। कंपनी का फोकस न केवल घरेलू बाजार पर है, बल्कि वैश्विक फार्मा उद्योग में भी अपनी पहचान बनाने पर है। IPO से प्राप्त धन का उपयोग कंपनी अपनी अनुसंधान परियोजनाओं के विस्तार, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए करेगी।
निवेशक इन तारीखों को ध्यान में रखते हुए अपनी योजना बना सकते हैं।
रुबिकॉन रिसर्च का आईपीओ एक मीडियम-टर्म निवेश अवसर प्रदान करता है, लेकिन शेयर बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह अनौपचारिक बाजार का हिस्सा है और इसमें उतार-चढ़ाव की संभावना रहती है। निवेशक अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श कर ही इस आईपीओ में निवेश करें।
रुबिकॉन रिसर्च आईपीओ ने लॉन्च के साथ ही निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी की मजबूत पृष्ठभूमि, बड़े एंकर निवेशकों की भागीदारी और उच्च ग्रे मार्केट प्रीमियम ने इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बना दिया है। हालांकि, निवेशकों को पूरी जानकारी लेकर और सावधानी पूर्वक निवेश करना चाहिए ताकि वे अपने निवेश से बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकें।
अगर आप रुबिकॉन रिसर्च आईपीओ में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो इस खबर में दी गई सभी जानकारियां आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आप अपने निवेश निर्णय लेने से पहले कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट्स, मार्केट कंडीशंस और अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। डाइनामाइट न्यूज़ निवेश की सलाह नही देता है।