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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ओमान दौरे के दूसरे दिन भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर संभव हैं। इस डील से 3 अरब डॉलर से अधिक के भारतीय निर्यात को ड्यूटी फ्री लाभ मिल सकता है, जिससे वस्त्र, रसायन और इंजीनियरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
भारत-ओमान FTA से एक्सपोर्टर्स को फायदा (Img Source: Google)
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा के दूसरे दिन, 18 दिसंबर को भारत और ओमान के बीच एक अहम मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इस समझौते के तहत ओमान को होने वाले 3 अरब डॉलर से अधिक के भारतीय निर्यात को ड्यूटी फ्री किया जा सकता है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 17 दिसंबर को कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, क्योंकि लगभग 20 वर्षों में यह पहला मौका है जब ओमान किसी देश के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। यह समझौता भारत-ओमान आर्थिक साझेदारी को एक नई दिशा देगा।
वित्त वर्ष 2025 में भारत ने ओमान को 4.1 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया था, जिसमें से करीब 83.5 फीसदी निर्यात पर लगभग 5 फीसदी आयात शुल्क लगता था। प्रस्तावित समझौते के बाद यह शुल्क हटने की संभावना है, जिससे भारतीय उत्पाद ओमान के बाजार में और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
इस ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट में भारतीय वस्त्र, रसायन, इंजीनियरिंग सामान और अन्य मैन्युफैक्चरिंग उत्पाद शामिल हो सकते हैं। इससे खास तौर पर श्रम-प्रधान सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2025 में भारत और ओमान के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। इस दौरान भारत ने ओमान से 6.6 अरब डॉलर का आयात किया, जबकि निर्यात 4.1 अरब डॉलर रहा, जिससे भारत को करीब 2.5 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ।
भारत के निर्यात में इंजीनियरिंग सामान, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य उत्पाद, वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे हाई-वैल्यू सेक्टर शामिल हैं, जिनमें आगे और विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में ओमान को भारत के निर्यात में हल्की गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि आयात में करीब 45 फीसदी की तेज वृद्धि हुई।
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ओमान को भारत का सबसे बड़ा निर्यात पेट्रोलियम उत्पाद हैं, जिनका मूल्य 1.43 अरब डॉलर है और ये पहले से ही काफी हद तक शुल्क मुक्त हैं। लेकिन इंजीनियरिंग सामान (812.2 मिलियन डॉलर), रसायन (241.4 मिलियन डॉलर) और आंशिक रूप से शुल्क वाले खनिज जैसे कोयला, अभ्रक और अन्य अयस्क (428.6 मिलियन डॉलर) इस व्यापार समझौते से सीधे लाभान्वित हो सकते हैं।
कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स जैसे श्रम-प्रधान सेक्टर को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने ओमान को 63.8 मिलियन डॉलर मूल्य के रेडीमेड वस्त्रों का निर्यात किया था, जो इस श्रेणी में सबसे बड़ा रहा।
भारत और ओमान के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) को लेकर बातचीत नवंबर 2023 में शुरू हुई थी। दोनों देशों के बीच पांच दौर की आमने-सामने वार्ता हुई, जिनमें आखिरी दौर जनवरी में नई दिल्ली में आयोजित किया गया। अगस्त में बातचीत पूरी हुई और अब इस पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं।
यूएई के साथ सीईपीए के सफल अनुभव के बाद भारत खाड़ी देशों के साथ व्यापारिक सहयोग को और आगे बढ़ा रहा है। आने वाले समय में कतर के साथ भी व्यापार वार्ता शुरू होने की संभावना है।
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