

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने अहम कदम उठाया है। पुलिस ने हरियाणा सरकार को औपचारिक पत्र भेजकर उन सभी अधिकारियों की पूरी जानकारी मांगी है, जिनके नाम पूरन कुमार की सुसाइड नोट और FIR में दर्ज हैं।
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सूत्रों के अनुसार, चंडीगढ़ पुलिस इन अधिकारियों की जानकारी इकट्ठा कर रही है ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें। जांच टीम जल्द ही इन सभी अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाएगी। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि केवल आरोपियों से ही नहीं, बल्कि मामले में जिन अधिकारियों और नेताओं के नाम आए हैं, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
इस मामले में हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर का भी नाम सामने आया है। पुलिस उनसे आत्महत्या से पहले हुई घटनाओं की टाइमलाइन और परिस्थिति की पुष्टि कराना चाहती है ताकि मामले के हर पहलू की जांच हो सके।
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चंडीगढ़ पुलिस की विशेष टीम रोहतक में वाई पूरन कुमार के आधिकारिक आवास पर मौजूद है। टीम वहां से दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जुटा रही है। अब तक कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद हुए हैं जिनकी फोरेंसिक जांच जारी है। पुलिस इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और पूरी छानबीन कर रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लैपटॉप, ईमेल और फोन कॉल्स की फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद मामले की गुत्थी सुलझने में मदद मिलेगी। हालांकि अभी तक परिवार की ओर से पोस्टमार्टम और लैपटॉप सौंपने में देरी हुई है, जिससे जांच की गति धीमी पड़ी है। पुलिस आश्वस्त है कि सभी तकनीकी और कानूनी साक्ष्य जुटाकर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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हरियाणा आईपीएस वाई पूरन कुमार की मौत की जांच अब प्रशासन और पुलिस दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। जांच के कई आयाम अभी स्पष्ट नहीं हुए हैं, लेकिन पुलिस की सक्रियता से उम्मीद है कि जल्द ही इस केस में पूरी सच्चाई सामने आएगी।