

बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर दो-दो वोटर आईडी कार्ड रखने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले में पटना के दीघा थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है, वहीं चुनाव आयोग ने भी तेजस्वी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
तेजस्वी यादव (सोर्स इंटरनेट)
Patna: बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर दो-दो वोटर आईडी कार्ड रखने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले में पटना के दीघा थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है, वहीं चुनाव आयोग ने भी तेजस्वी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
पटना के आरके नगर निवासी वकील राजीव रंजन ने दीघा थाना में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव के नाम से दो अलग-अलग ईपिक (EPIC) नंबर वाले वोटर आईडी कार्ड हैं, जो कि कानूनन अपराध है। खास बात यह है कि ये दोनों पहचान पत्र एक ही विधानसभा क्षेत्र यानी दीघा विधानसभा से जारी हुए हैं, जो नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है।
शिकायत में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत नई मतदाता सूची तैयार की जा रही है और ऐसे में एक प्रभावशाली नेता द्वारा दो मतदाता पहचान पत्र रखना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। दीघा थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
इस मामले में चुनाव आयोग भी सक्रिय हो गया है। दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं एसडीओ गौरव कुमार ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी करते हुए दो अगस्त को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके द्वारा दिखाए गए ईपिक नंबर RAB-2916120 की वैधता पर सवाल उठाया है।
नोटिस में लिखा गया है कि जांच में यह ईपिक नंबर "अधिकारिक रूप से निर्गत नहीं" पाया गया है। जबकि उनका वास्तविक और वैध ईपिक नंबर RAB-0456228 बताया गया है, जो कि बूथ संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय) पर क्रम संख्या 416 के अंतर्गत दर्ज है।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनके पास दूसरा ईपिक नंबर कहां से आया, और यह कैसे उनके पास है। साथ ही उस कथित पहचान पत्र की प्रति आयोग को सौंपने का निर्देश भी दिया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहा है और पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है। तेजस्वी ने दावा किया कि उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण में कई खामियों को उजागर किया था, लेकिन चुनाव आयोग उन मुद्दों पर "मौन साधे बैठा है", जबकि उन्हें ही निशाने पर लिया जा रहा है।
भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक व्यक्ति का एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक वैध मतदाता पहचान पत्र होना चाहिए। दो पहचान पत्र रखना और उनका उपयोग करना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है, जिसकी सजा भी तय है। अगर तेजस्वी पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो उन्हें कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।