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गांधी मैदान बिहार की राजनीति का महत्वपूर्ण स्थल रहा है। लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक कई मुख्यमंत्री यहां शपथ ले चुके हैं। नीतीश कुमार ने 20 नवंबर 2025 को दसवीं बार शपथ ली और राज्य की राजनीति में नया रिकॉर्ड बनाया।
बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ का प्रतीक स्थल गांधी मैदान
Patna: बिहार की राजनीति में गांधी मैदान का विशेष महत्व है। लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक कई मुख्यमंत्री इसी मैदान में शपथ ले चुके हैं। 20 नवंबर 2025 को नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिससे उन्होंने राज्य की राजनीति में नया रिकॉर्ड स्थापित किया और जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ फिर से दिखाई।
बिहार की राजनीति में गांधी मैदान की ऐतिहासिक भूमिका रही है। 1990 में लालू प्रसाद यादव जब मुख्यमंत्री बने, उन्होंने इसी मैदान में शपथ ली। उनका कार्यकाल 3 अप्रैल 1995 तक चला। इस दौरान लालू यादव ने राज्य की राजनीति में अपनी विशेष छवि बनाई और जनता के बीच लोकप्रियता हासिल की।
24 नवंबर 2005 को नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनका कार्यकाल 25 नवंबर 2010 तक रहा। इस समय उन्होंने राज्य में प्रशासनिक सुधार और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। यह समारोह बिहार की जनता के लिए नई उम्मीद और परिवर्तन का संदेश लेकर आया।
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26 नवंबर 2010 को नीतीश कुमार ने फिर से गांधी मैदान में शपथ ली। उनका कार्यकाल 19 मई 2014 तक चला। इस दौरान उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उनका प्रशासन राज्य की स्थिरता और विकास को लेकर जनता के बीच उच्च स्तर की उम्मीदें पैदा कर रहा था।
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव
20 नवंबर 2015 को नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में फिर से शपथ ली। यह कार्यकाल 26 जुलाई 2017 तक चला। इस दौरान उन्होंने राज्य में सामाजिक कल्याण योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों को आगे बढ़ाया। जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और प्रशासनिक छवि मजबूत हुई।
20 नवंबर 2025 को नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की दसवीं शपथ ली। यह घटना बिहार की राजनीति में नया रिकॉर्ड बन गई। नीतीश कुमार 19 वर्षों से अधिक समय तक सत्ता के शीर्ष पर रहे और गांधी मैदान के इस ऐतिहासिक स्थल ने उनके राजनीतिक सफर को बार-बार गवाह बनाया।
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गांधी मैदान सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति का प्रतीक बन गया है। यहां शपथ ग्रहण समारोह हमेशा विशेष आकर्षण और जनता की भागीदारी के साथ होता है। लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक कई मुख्यमंत्री इस मैदान में अपनी राजनीतिक यात्रा की नई शुरुआत करते आए हैं।
नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर बिहार की राजनीति में नया रिकॉर्ड बनाया। उनका लंबा कार्यकाल राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण रहा है। जनता की उम्मीदें अब उनके अगले कार्यकाल पर केंद्रित हैं, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन प्रमुख प्राथमिकताएं रहेंगी।