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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election Result) में पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में रही। हर बार की तरह इस बार भी मुकाबला चर्चित, हाई-प्रोफाइल और तीखा था। लेकिन अंतिम परिणाम वही रहा बाहुबली नेता और जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह का फिर से दबदबा।
जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election Result) में पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में रही। हर बार की तरह इस बार भी मुकाबला चर्चित, हाई-प्रोफाइल और तीखा था। लेकिन अंतिम परिणाम वही रहा बाहुबली नेता और जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह का फिर से दबदबा। जेल में बंद होने के बावजूद उन्होंने ना केवल चुनाव लड़ा, बल्कि भारी अंतर से अपनी लगातार छठी बार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया।
चुनाव आयोग के मुताबिक जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह को कुल 91,416 वोट मिले। उनकी सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी और आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी को 63,210 वोट हासिल हुए। इस तरह अनंत सिंह ने उन्हें 28,206 वोटों के भारी अंतर से पीछे छोड़ दिया। मोकामा में पहले चरण में 6 नवंबर को 64% मतदान हुआ था। बड़ी संख्या में लोगों ने इस सीट पर मतदान किया और परिणाम साफ दिखा कि यहां अनंत सिंह की पकड़ अब भी बेहद मजबूत है।
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मोकामा विधानसभा को ‘बिहार की हॉट सीट’ कहा जाता है। मुख्य मुकाबला तीन चेहरों के बीच था
हालांकि मुकाबला त्रिकोणीय था, लेकिन नतीजों ने साफ कर दिया कि जनता का झुकाव किस ओर था। अनंत सिंह ने दोनों प्रमुख उम्मीदवारों को लीड में काफी पीछे छोड़ते हुए बंपर अंतर से जीत हासिल की।
अनंत सिंह का नाम बिहार की राजनीति में लंबे समय से बेहद प्रभावशाली माना जाता है। उन्हें ‘छोटे सरकार’ जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। मोकामा में उनकी सोशल-बेस और राजनीतिक पकड़ इतनी मजबूत मानी जाती है कि वे पिछले कई चुनावों से यहां अजेय साबित हुए हैं।
मोकामा की जनता का मानना रहा है कि चाहे विवाद हों या आरोप, “अनंत सिंह काम करवाते हैं” और यही उनकी लगातार जीत का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
आरजेडी की वीणा देवी, जो पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी हैं, पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी थीं। लेकिन अनंत सिंह के प्रभाव और उनके कोर वोटबैंक को चुनौती नहीं दे सकीं। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष भी तीसरे स्थान पर सिमट गए।
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इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि मोकामा में राजनीतिक समीकरण चाहे जैसे हों, अनंत सिंह की पकड़ और लोकप्रियता आज भी चुनौती के योग्य नहीं। लगातार छठी जीत के साथ उन्होंने यह साफ कर दिया कि मोकामा आज भी उनका ही गढ़ है।