

पटना के गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा मुठभेड़ में ढेर हो गया है। जबकि शूटर उमेश पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
व्यवसायी गोपाल खेमका (फाइल फोटो)
Patna: बिहार की राजधानी पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड ने शहर को हिलाकर रख दिया है। इस सनसनीखेज वारदात में पटना पुलिस ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। पटना सिटी के माल सलामी इलाके में अपराधी विकास उर्फ राजा, जो इस हत्या के लिए हथियार मुहैया कराने का मास्टरमाइंड था, पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मुठभेड़ सोमवार देर रात 2:45 बजे पीर दमरिया घाट के पास हुई, जहां पुलिस ने राजा को घेर लिया। पुलिस के अनुसार, राजा ने भागने की कोशिश में फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। घटनास्थल से एक पिस्तौल, गोलियां और खोखा बरामद हुआ। राजा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
वहीं इस मुठभेड़ के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पटना सिटी, मौके पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू की।
हत्याकांड का शूटर पहले ही गिरफ्तार
इससे पहले, पुलिस ने इस हत्याकांड में शूटर उमेश कुमार को गिरफ्तार किया था, जो इस वारदात का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। उमेश की निशानदेही पर ही पुलिस राजा तक पहुंची। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हत्याकांड के अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। पुलिस को शक है कि इस हत्या के पीछे जमीन विवाद या पुरानी रंजिश हो सकती है।
कैसे हुई गोपाल खेमका की हत्या?
गौरतलब है कि गोपाल खेमका की हत्या शनिवार को गांधी मैदान थाना क्षेत्र में पनास होटल के पास हुई थी। खेमका जब अपने अपार्टमेंट में कार से उतर रहे थे, तभी हमलावर ने घात लगाकर उन पर गोलियां चला दीं। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे शहर में दहशत फैला दी। इससे पहले, साल 2019 में गोपाल खेमका के बड़े बेटे गुंजन खेमका की वैशाली जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गोपाल को सुरक्षा दी गई थी, लेकिन पिछले साल उनकी सुरक्षा हटा ली गई थी। अब एक बार फिर परिवार पर हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह पुरानी दुश्मनी का नतीजा है? या फिर इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र? पुलिस की जांच से जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद है।