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बिहार की राजनीति में एक बार फिर वोटर लिस्ट को लेकर बवाल खड़ा हो गया है — इस बार निशाने पर हैं राज्य के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि विजय सिन्हा दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता हैं, और उनके पास दो अलग-अलग ईपिक (EPIC) कार्ड मौजूद हैं।
तेजस्वी यादव (सोर्स गूगल)
Patna: बिहार की राजनीति में एक बार फिर वोटर लिस्ट को लेकर बवाल खड़ा हो गया है — इस बार निशाने पर हैं राज्य के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि विजय सिन्हा दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता हैं, और उनके पास दो अलग-अलग ईपिक (EPIC) कार्ड मौजूद हैं।
सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी ने मीडिया के सामने दोनों कार्ड के डिटेल्स और ऑनलाइन सत्यापन भी पेश किया, जिसमें एक वोटर आईडी पटना और दूसरी लखीसराय की बताई गई। हैरानी की बात यह रही कि दोनों कार्ड में ईपिक नंबर और उम्र अलग-अलग दर्ज हैं।
वहीं, विजय सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने 5 अगस्त को पटना की मतदाता सूची से नाम हटवाने के लिए आवेदन दे दिया था। उनके अनुसार, यह संशोधन की प्रक्रिया का हिस्सा है, और चुनाव आयोग ने इस कार्य के लिए एक महीने का समय दिया है। उम्र के अंतर पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि संशोधन के लिए आवेदन पहले ही किया जा चुका है।
लेकिन यह विवाद सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया की पारदर्शिता और शुद्धता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। खास बात यह है कि तेजस्वी यादव खुद भी पहले दो ईपिक कार्ड रखने के आरोपों में घिर चुके हैं। ऐसे में उनके आरोप और विजय सिन्हा की सफाई — दोनों को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं गर्म हैं।
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यह मुद्दा अब महज़ तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि लोकतंत्र और मतदाता सूची की विश्वसनीयता से जुड़ा सवाल बनता जा रहा है। क्या यह सिर्फ एक प्रशासनिक चूक है, या फिर गहराई में कुछ और? बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में यह विवाद और भी गहराने की आशंका है।
विजय कुमार सिन्हा ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही बांकीपुर से अपना नाम हटाने के लिए आवेदन कर दिया था। उनका कहना है कि उनका परिवार पहले बांकीपुर में रहता था, लेकिन अब लखीसराय में है, इसलिए नामांतरण किया गया।
सिन्हा ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा, "जंगल राज के युवराज धोखा करते हैं, हम नहीं।" उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी गैर-जिम्मेदार बयानबाजी से बचना चाहिए।
इस बीच, तेजस्वी यादव खुद भी दो EPIC कार्ड रखने के आरोपों में घिरे हुए हैं। चुनाव आयोग ने उनसे एक पत्र के माध्यम से सफाई मांगी है। पटना के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर ने उन्हें 2 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताए गए EPIC कार्ड का विवरण और उसकी प्रति 8 अगस्त की दोपहर तक प्रस्तुत करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि अभी तक उनके स्तर से कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं।