

जापानी मुक्केबाज शिगेतोशी कोटारी और हिरोमासा उराकावा की दो अलग-अलग मुकाबलों में लगी गंभीर चोटों के कारण 28 वर्ष की उम्र में मौत हो गई। 2 अगस्त को टोक्यो के कोराकुएन हॉल में मुकाबले के दौरान दोनों को मस्तिष्क में चोटें आईं, जिन्हें सर्जरी के बावजूद बचाया नहीं जा सका। यह घटना जापानी मुक्केबाजी के लिए एक बड़ा सदमा है।
शिगेतोशी कोटारी और हिरोमासा उराकावा का निधन (Img: X)
New Delhi: खेल जगत को एक बेहद दुखद खबर मिली है। जापान के दो युवा मुक्केबाज शिगेतोशी कोटारी और हिरोमासा उराकावा ने रिंग में मुकाबलों के दौरान लगी गंभीर चोटों के चलते अपनी जान गंवा दी। दोनों की मौत ने न सिर्फ जापानी मुक्केबाजी को झकझोर दिया है, बल्कि पूरी खेल दुनिया को गहरे सदमे में डाल दिया है। ये दुखद घटनाएं एक बार फिर खेलों में सुरक्षा और चिकित्सा निगरानी की अहमियत को उजागर करती हैं।
2 अगस्त को टोक्यो के कोराकुएन हॉल में सुपर फेदरवेट शिगेतोशी कोटारी और लाइटवेट हिरोमासा उराकावा ने मैच लड़ा। मुकाबले के दौरान दोनों मुक्केबाजों को दिमाग में गंभीर चोटें आईं। इस कारण दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी दिमाग की सर्जरी की गई। बावजूद इसके, दोनों को बचाया नहीं जा सका और उन्होंने अपनी जान गंवा दी।
शिगेतोशी कोटारी का मुकाबला यामातो हाता से हुआ था। यह मुकाबला 12 राउंड तक चला और अंत में मैच ड्रॉ घोषित किया गया। लेकिन मैच के बाद अचानक कोटारी बेहोश हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी की। कोटारी ने 8 अगस्त की रात 10:59 बजे दम तोड़ दिया।
शिगेतोशी कोटारी के निधन की खबर सबसे पहले उनके एमटी बॉक्सिंग जिम ने दी। जिम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि कोटारी को "एक्यूट सबड्यूरल हेमेटोमा" था। उन्होंने सर्जरी और इलाज के दौरान पूरी कोशिश की, लेकिन दुख की बात है कि वे बच नहीं पाए।
शिगेतोशी कोटारी और हिरोमासा उराकावा दोनों की उम्र केवल 28 वर्ष थी। उनकी अचानक मृत्यु से मुक्केबाजी समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिवार, दोस्तों और फैंस के लिए यह समय बेहद कठिन है।
दोनों युवा मुक्केबाजों का जाना जापानी मुक्केबाजी के लिए एक बड़ा झटका है। कोटारी और उराकावा ने अपनी छोटी सी उम्र में ही मुक्केबाजी में काफी नाम कमाया था और आने वाले समय में उनसे काफी उम्मीदें थीं। उनकी मौत से खेल प्रेमियों में भारी दुःख और शोक व्याप्त है।
इन घटनाओं के बाद मुक्केबाजी के खेल में सुरक्षा और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की गंभीरता पर भी सवाल उठने लगे हैं। खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम और गंभीर चोटों से बचाव के उपायों की जरूरत महसूस की जा रही है।