Crime in Bihar: नालंदा में एक परिवार के 5 लोगों ने खाया जहर, 2 की मौत, 3 गंभीर

बिहार के नालंदा से शनिवार को दुखद घटना सामने आयी है। जहां कर्ज के बोझ तले दबे परिवार ने आत्मघाती कदम उठाया जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 19 July 2025, 12:18 AM IST
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नालंदा: बिहार के नालंदा से मन को कचोटने और दुखी करने वाली अप्रिय घटना सामने आयी है। पावापुरी थाना क्षेत्र के पूरी गांव में शुक्रवार को एक परिवार के पांच लोगों ने सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। सूचना पर आनन-फानन में पांचों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया जहां उपचार के दौरान दो लड़कियों की मौत हो गई।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार  मृतकों की पहचान दीपा (14) और आरिक (16) के रुप में हुई है।

जानकारी के अनुसार धर्मेंद्र कुमार जल मंदिर के पास किराए के मकान में अपनी पत्नी और दो लड़कियों और दो लड़के के साथ रहते थे। उनकी वहीं पर दुकान चलाते हैं। शुक्रवार को कर्ज से परेशान धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ जहर (सल्फास की गोली) खा ली। इस घटना में उनकी दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। धर्मेंद्र शेखपुरा जिले के रहने वाले हैं।

अस्पताल में इलाजरत सल्फास खाया परिवार

जहर खाने वालों में धर्मेंद्र कुमार, उनकी 38 वर्षीय पत्नी सोनी कुमारी, 14 वर्षीय बेटी दीपा, 16 वर्षीय बेटी अरिका और 15 वर्षीय बेटा शिवम शामिल थे। इलाज के दौरान दीपा और अरिका की मृत्यु हो गई।

धर्मेंद्र जल मंदिर के पास 'काली मां साड़ी सेंटर' नामक दुकान चलाते थे, जिसे वे एक साल से संचालित कर रहे थे। इससे पहले वे राजमिस्त्री का काम करते थे। उनका पैतृक गांव शेखपुरा जिले का परनकमा है। पावापुरी में उनका परिवार किराए के मकान में रहता था।

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ग्रामीणों ने बताया कि धर्मेंद्र ने छह महीने पहले कपड़े की दुकान खोली थी। लेकिन उन्हें बिजनेस में लगातार घाटा हो रहा था. इस वजह से वह मानसिक तनाव में थे। बताया जा रहा है कि परिवार पर करीब पांच लाख रुपये का कर्ज था। इसी परेशानी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया।

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ग्रामीणों ने बताया कि दंपती के तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनका छोटा बेटा सत्यम (7 वर्षीय ) जहर खाने से बच गया।

सत्यम ने बताया कि उसके पिता ने मां, दो बहनों और भाई को जहर खाने के लिए मजबूर किया। उसे भी सल्फास की गोली दी गई थी, लेकिन उसने नहीं खाई।

घटना की सूचना मिलने पर राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही घटना के सटीक कारणों का पता चलेगा। परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खाया था, जिसमें दो बेटियों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। बाकी तीन की हालत नाजुक बनी हुई है

सत्यम ने बताया कि शेखपुरा जिले के कुछ लोग ब्याज की रकम नहीं चुकाने के कारण उसके माता-पिता को गाली-गलौज और धमकी दे रहे थे। विशेष रूप से रामू नामक एक व्यक्ति घर आकर अपमानित करता था। सत्यम के अनुसार, इसी मानसिक दबाव के कारण परिवार ने यह कदम उठाया।

डॉक्टरों का कहना है कि तीन की हालत गंभीर है। उनका बेहतर इलाज करने की कोशिश की जा रही है।

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