

बिहार में एसआईआर को लेकर हंगामा मचा हुआ है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। आज सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर
पटना: बिहार में चुनाव नजदीक हैं और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें अदालत ने कहा कि एसआईआर की मसौदा सूची पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव आयोग सभी हितधारकों को शामिल नहीं कर रहा है और यह नहीं बता रहा है कि किन लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं। प्रक्रिया इतनी पारदर्शी नहीं है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर न्याय मिलेगा।
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सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हम याचिकाकर्ताओं से सहमत होंगे, तो पूरी प्रक्रिया रद्द कर दी जाएगी। अभी किसी रोक की ज़रूरत नहीं है।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि एसआईआर के दौरान आधार और ईपीआईसी पर विचार किया जाना चाहिए। अगर किसी मामले में कोई संदेह है, तो उस पर जरूरी कार्रवाई की जा सकती है हालांकि, इसे आदेश नहीं कहा जा सकता, यह सिर्फ एक सुझाव है।
बता दें कि एसआईआर का पहला चरण बिहार में पूरा हो गया है जिसके अनुसार 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। ये वो मतदाता हैं, जिनकी मृत्यु हो गई या जो स्थाई रूप से किसी और राज्य में निवास कर रहे हैं, या जिनकी दो जगह वोटर आईडी है।
बता दें कि बिहार में चल रहे एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और याचिकाकर्ताओं को न्याय की उम्मीद है। फिलहाल इस पर कोई रोक नहीं लगाई है।
हालांकि विपक्ष का कहना है कि इस आंकड़ें में प्रारदर्शिता नहीं है. ये जल्दबाजी में लिया गया आंकड़ा है, जो सही नहीं है।
इस मुद्दे पर सोमवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित इंडी अलायंस के कई बड़े नेता और सांसद शामिल हुए।