The MTA Speaks: ट्रंप और मस्क; दो ताकतवर हस्तियों के टकराव का नफा-नुकसान, क्या कुछ बदलेगा अमेरिका में?

डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क इस समय दुनिया की दो सबसे चर्चित और ताक़तवर हस्तियां हैं। एक राजनीति की दुनिया के बादशाह हैं, तो दूसरा टेक्नोलॉजी और व्यवसाय के शिखर पर विराजमान है। दोनों के नाम ही काफी हैं सुर्खियों में बने रहने के लिए। देखें पूरी विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के साथ “The MTA Speaks” में।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 5 July 2025, 5:15 PM IST
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New Delhi: डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क इस समय दुनिया की दो सबसे चर्चित और ताक़तवर हस्तियां हैं। एक राजनीति की दुनिया के बादशाह हैं, तो दूसरा टेक्नोलॉजी और व्यवसाय के शिखर पर विराजमान है। दोनों के नाम ही काफी हैं सुर्खियों में बने रहने के लिए। लेकिन जब ये दो दिग्गज आमने-सामने हों, तो यह केवल व्यक्तिगत टकराव नहीं रह जाता, बल्कि इसका प्रभाव अमेरिका की राजनीति, वैश्विक अर्थव्यवस्था और तकनीकी नीतियों तक फैल जाता है। हाल ही में इन दोनों के बीच बढ़ता विवाद अमेरिका में एक नई बहस का विषय बन गया है और यह टकराव अब महज मतभेद नहीं बल्कि सियासी और कारोबारी संघर्ष में बदल चुका है।

वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने शो The MTA Speaks में बताया डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, वहीं एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिने जाते हैं और Tesla, SpaceX, Neura link, Starlink और X जैसी तकनीकी कंपनियों के प्रमुख हैं। कभी एक-दूसरे के सहयोगी रहे इन दोनों के बीच अचानक उपजा यह सार्वजनिक टकराव अब तीखा रूप ले चुका है।

 ऐसे शुरु हुआ विवाद

इस विवाद की शुरुआत ट्रंप के बहुचर्चित और हाल ही में सीनेट से पारित हुए 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' से हुई। यह बिल ट्रंप की आर्थिक नीतियों की रीढ़ माना जा रहा है, जिसमें अनुमानित 4.5 ट्रिलियन डॉलर की टैक्स छूटें दी गई हैं। इसमें बच्चों पर मिलने वाले टैक्स क्रेडिट को $2,000 से बढ़ाकर $2,200 किया गया है, साथ ही टिप, ओवरटाइम और ऑटो लोन पर अस्थायी टैक्स छूट भी शामिल हैं। बुजुर्गों के लिए $6,000 की अतिरिक्त राहत दी गई है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनकी वार्षिक आय $75,000 से कम है। यह बिल ट्रंप की उस पुरानी प्रतिबद्धता को भी दोहराता है जिसमें उन्होंने सोशल सिक्योरिटी पर टैक्स खत्म करने की बात कही थी।

एलन मस्क ने इस बिल पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे ‘पागलपन’ करार देते हुए ऐलान कर दिया कि यदि यह बिल पास होता है तो वे खुद एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। मस्क ने आरोप लगाया कि यह बिल अमीरों और शक्तिशाली कंपनियों को और फायदा पहुंचाने वाला है और इससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग को कोई वास्तविक राहत नहीं मिलेगी।

ट्रंप का मस्क पर हमला 

मस्क के इस विरोध पर डोनाल्ड ट्रंप ने भी चुप्पी नहीं साधी। उन्होंने मस्क पर व्यक्तिगत हमला करते हुए उन्हें "अविश्वसनीय" और "धोखेबाज़" तक कह दिया। ट्रंप ने कहा कि जब मस्क की कंपनियां मुश्किल में थीं और उन्हें सरकारी सब्सिडी की जरूरत थी, तब उन्होंने निजी स्तर पर मदद की थी, लेकिन अब मस्क 'कृतघ्नता' दिखा रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि एलन मस्क की सफलता सरकारी सब्सिडी की देन है और यदि यह सब्सिडी बंद हो गई, तो मस्क को अपनी कंपनी समेटनी पड़ेगी और उन्हें वापस दक्षिण अफ्रीका लौटना होगा, जहां वे जन्मे थे।

ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि Department of Government Enterprises की जांच फिर से शुरू की जाएगी। यह वही विभाग है जिसकी कुछ तकनीकी व नवाचार परियोजनाओं की जिम्मेदारी ट्रंप सरकार के समय मस्क को सौंपी गई थी। अब ट्रंप उसी विभाग के कामकाज और मस्क की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।

अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में हलचल

ट्रंप के इस रुख से अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। कई लोग इसे ट्रंप की व्यक्तिगत दुश्मनी के तौर पर देख रहे हैं, तो कुछ इसे सत्ता और तकनीकी नियंत्रण की होड़ मान रहे हैं। एलन मस्क, जो मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका के हैं और बाद में कनाडा होते हुए अमेरिका आए, आज अमेरिका की आर्थिक शक्ति के एक प्रमुख स्तंभ बन चुके हैं। ट्रंप की टिप्पणी, जिसमें उन्होंने मस्क को ‘वापस भेजने’ की बात कही, को कई हलकों में नस्लीय और राष्ट्रवादी बयान के तौर पर देखा जा रहा है।

यह बात भी गौरतलब है कि कभी यही ट्रंप और मस्क एक-दूसरे के सहयोगी हुआ करते थे। 2017 में ट्रंप ने मस्क को अपनी व्यापारिक सलाहकार परिषद में शामिल किया था। मस्क ने कई बार ट्रंप की नीतियों से असहमति जताई, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सरकार के साथ संवाद बनाए रखना व्यापारिक दृष्टिकोण से आवश्यक है। उस समय दोनों के बीच एक व्यावसायिक सहयोग और रणनीतिक संबंध स्थापित हो गया था। मस्क ने ट्रंप की सोशल मीडिया नीति और ‘फ्री स्पीच’ के विचारों का समर्थन भी किया, खासकर तब जब ट्रंप को Twitter से प्रतिबंधित किया गया था।

2022 में जब मस्क ने Twitter को खरीद कर उसका नाम X रखा, तो उन्होंने ट्रंप का अकाउंट फिर से बहाल किया। ट्रंप ने इसे “सच की जीत” कहा था और मस्क की स्वतंत्र सोच की सराहना की थी। लेकिन अब वही मस्क ट्रंप की प्रमुख आर्थिक नीति का विरोध कर रहे हैं और ट्रंप उसे मस्क की ‘विश्वासघात’ के रूप में देख रहे हैं।

ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए SpaceX को NASA और रक्षा विभाग से अरबों डॉलर के ठेके मिले। मस्क की कंपनियों को सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं से लाभ हुआ, ट्रंप की कर नीति और नियामक सुधारों ने Tesla और SpaceX को लाभ पहुंचाया। इन सब कारणों से मस्क और ट्रंप का समीकरण समय के अनुसार चलता रहा — कभी सहयोगी, कभी आलोचक।

लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति हैं, वहीं मस्क अब केवल एक कारोबारी नहीं रहे, वे सोशल मीडिया, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अंतरिक्ष विज्ञान और डिफेंस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से दुनिया को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। वे एक नई शक्ति के रूप में उभरे हैं जो अमेरिका की पारंपरिक सत्ता संरचना को चुनौती दे सकते हैं।

टकराव या व्यक्तिगत दुश्मनी

इस टकराव को केवल व्यक्तिगत दुश्मनी कहना गलत होगा। यह संघर्ष दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है — एक तरफ ट्रंप का राष्ट्रवाद, आर्थिक संरक्षणवाद और केंद्रीकृत नियंत्रण का एजेंडा है, तो दूसरी ओर मस्क का मुक्त बाजार, नवाचार और "फ्री स्पीच" का आदर्श। ट्रंप का ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ एजेंडा अब मस्क की तकनीकी स्वतंत्रता के एजेंडे से टकरा रहा है।

मस्क नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे?

अब यह सवाल अहम है कि क्या मस्क वास्तव में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे? अगर ऐसा होता है, तो अमेरिका में तीसरे फ्रंट की राजनीति को बल मिल सकता है, जिसका असर आने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक देखा जा सकता है। वहीं अगर ट्रंप अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके मस्क की कंपनियों पर शिकंजा कसते हैं, तो यह टेक्नोलॉजी सेक्टर में सरकारी हस्तक्षेप और स्वतंत्रता के बीच की जंग बन सकती है।
इस पूरे विवाद पर अमेरिकी मीडिया, उद्योगपतियों, टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की पैनी नजर है। यह साफ है कि ट्रंप और मस्क दोनों ही हार मानने वाले नहीं हैं। यह टकराव जल्दी खत्म नहीं होगा। बल्कि आने वाले महीनों में यह और तीखा हो सकता है।

लेकिन इसमें एक और पहलू यह है कि अमेरिका में राजनीतिक व कारोबारी समीकरण अक्सर बदलते रहते हैं। अगर मस्क को फिर से व्यापारिक लाभ नजर आया और ट्रंप को राजनीतिक समर्थन की जरूरत पड़ी, तो दोनों फिर एक मंच पर आ सकते हैं। यह अमेरिकी सत्ता-संरचना की हकीकत है — दोस्ती और दुश्मनी यहां स्थायी नहीं होती, बल्कि अवसरवादी होती है।

फिलहाल के लिए यह स्पष्ट है कि डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच यह टकराव वैश्विक राजनीति और व्यवसाय के संतुलन को प्रभावित कर सकता है। यह अमेरिका के चुनावी भविष्य, टेक्नोलॉजी नीति, और मीडिया नियंत्रण पर व्यापक असर डालेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है — यह टकराव एक स्थायी राजनीतिक विभाजन में बदलता है या फिर दोनों दिग्गज किसी सौदेबाजी के जरिए पुराने मतभेदों को भुलाकर हाथ मिला लेते हैं।

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