

उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री क्षेत्र में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से स्याना चट्टी पूरी तरह जलमग्न हो गया है। मोटर पुल डूबा, स्कूल और गढ़वाल मंडल निगम का भवन भी पानी में डूबा। कई मार्ग भी बंद हैं।
यमुना नदी के उफान से पुल पर बहा पानी (Img- Internet)
Uttarkashi: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुनोत्री क्षेत्र एक बार फिर आपदा की चपेट में आ गया है। उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। नदी के किनारे बसे इस कस्बे में हालात बेकाबू हो गए हैं। मोटर पुल के ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है और स्थानीय लोग डरे-सहमे हैं।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, नदी में भारी मलबा आने से जलप्रवाह बाधित हुआ और जलस्तर बढ़ गया। परिणामस्वरूप, स्याना चट्टी का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया। गढ़वाल मंडल विकास निगम का अतिथि गृह और एक स्कूल का परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। बच्चों की पढ़ाई और लोगों के आवासीय इंतजाम पर असर पड़ा है।
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बढ़ते जलस्तर और हालात की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी प्रशांत आर्य स्वयं स्याना चट्टी के लिए रवाना हो गए हैं। प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। अधिकारियों ने जलस्तर पर निगरानी बढ़ा दी है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी की जा रही है।
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आपदा के प्रभाव सिर्फ स्याना चट्टी तक सीमित नहीं हैं। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्याना चट्टी, जर्जर गाड़, बनास, और नारदचट्टी के पास सड़कें अवरोधित हो गई हैं। वहीं, गंगोत्री हाईवे पर धरासू बैंड और नेताला के पास मलबा आने से मार्ग बंद हो गया है। बीआरओ और प्रशासनिक टीमें मार्गों को खोलने में लगी हुई हैं, लेकिन बारिश रुकने तक काम में बाधा आ रही है।
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स्थानीय मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे हालात और बिगड़ने की आशंका है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलधाराओं से दूर रहने की अपील की है। इसके साथ ही चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को फिलहाल यमुनोत्री और गंगोत्री की ओर न बढ़ने की सलाह दी गई है।