

कालसी और साहिया क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से स्थानीय थाना पुलिस ने सघन सत्यापन अभियान चलाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कालसी-साहिया क्षेत्र में बाहरी लोगों का सत्यापन अभियान
हरिद्वार: कालसी और साहिया क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से स्थानीय थाना पुलिस ने सघन सत्यापन अभियान चलाया। इस अभियान के तहत पुलिस ने किराएदारों और बाहरी लोगों की जानकारी जुटाई और अभिलेखों से उसका मिलान किया। सत्यापन के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जिनमें सबसे प्रमुख यह था कि कई मकान मालिकों ने अपने किराएदारों का अनिवार्य सत्यापन नहीं कराया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुतािबक, थाना प्रभारी दीपक धारीवाल ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के निर्देश पर यह अभियान चलाया गया। अभियान कालसी, कस्बा व्यास भूड़, हरिपुर और साहिया आदि क्षेत्रों में चलाया गया, जहां पुलिस टीमों ने घर-घर जाकर बाहरी लोगों की जांच की और अभिलेखों का मिलान किया।
इस दौरान पुलिस ने 13 मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रत्येक का 10 हजार रुपये का चालान किया। यह चालान उत्तराखंड पुलिस नियमावली के तहत किया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किराएदारों का सत्यापन न कराना दंडनीय अपराध है।
केवल मकान मालिक ही नहीं, बल्कि 6 संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ भी पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई, जो बिना पहचान या ठोस कारण के क्षेत्र में रह रहे थे। उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं, जिसके चलते उन पर चालान और कानूनी प्रक्रिया भी अमल में लाई गई।
थाना प्रभारी ने इस बात पर जोर दिया कि किराएदारों का सत्यापन न केवल कानूनी रूप से जरूरी है, बल्कि इससे क्षेत्र की सुरक्षा और शांति भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि अपराधों को रोकने और समाज में सौहार्द बनाए रखने के लिए क्षेत्र में बाहरी लोगों की मौजूदगी पर नजर रखना अनिवार्य है।
दीपक धारीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भी समय-समय पर इस तरह के अभियान जारी रहेंगे। उन्होंने आम जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि जो मकान मालिक अब तक किराएदारों का सत्यापन नहीं करा पाए हैं, वे तुरंत नजदीकी थाने में जाकर यह प्रक्रिया पूरी कराएं, अन्यथा उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का यह अभियान न केवल कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है, बल्कि इससे समाज में सुरक्षा और सतर्कता की भावना भी पैदा होती है।