

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में भेंट कर सीमावर्ती गांवों के विकास से जुड़ी अहम योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम योगी से की अहम बैठक
Dehradun: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में भेंट कर सीमावर्ती गांवों के विकास से जुड़ी अहम योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार इस दौरान दोनों नेताओं के बीच खासतौर पर इकबालपुर नगर सिंचाई परियोजना पर मंथन हुआ, जो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे हजारों किसानों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकती है।
माना जा रहा है कि इस परियोजना के लागू होने से हरिद्वार और उसके आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों की लगभग 5 लाख आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। क्षेत्र के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और पानी की किल्लत जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक में सीमावर्ती गांवों में कृषि, सिंचाई और पेयजल संकट का जिक्र करते हुए परियोजना की अनिवार्यता पर जोर दिया।
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जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद की इस पहल का समर्थन करते हुए परियोजना के प्रस्ताव को जल्द ही भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय को भेजने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को भी निर्देश दिए कि वह परियोजना की विस्तृत कार्य योजना जल्द तैयार कर अमल में लाए।
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इस उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्राम लिब्बारहेडी के पुल निर्माण का मुद्दा भी उठाया, जो दोनों राज्यों के बीच आवाजाही और आपसी संपर्क को मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री योगी ने इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संवाद दो राज्यों के बीच बेहतर सहयोग की मिसाल बनेगा और सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। अगर यह परियोजना धरातल पर उतरती है तो आने वाले वर्षों में लाखों लोगों की जीवन गुणवत्ता में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
वहीं उत्तराखंड में योगी-त्रिवेंद्र की मुलाकात को विकास की नई दिशा के रूप में देखा जा रहा है।