

हल्द्वानी में जिला विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लेकर भीमताल के पांडे गांव के किसानों ने विरोध जताया है। किसानों का कहना है कि उनकी कृषि योग्य भूमि पर बिना कारण खरीद-फरोख्त रोक दी गई है, जिससे खेती-किसानी करने वालों को भारी परेशानी हो रही है।
किसानों ने जताया आक्रोश
Haldwani: हल्द्वानी जिला विकास प्राधिकरण की कार्यशैली को लेकर भीमताल क्षेत्र के पांडे गांव के किसानों में गहरा आक्रोश है। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण ने बिना किसी ठोस कारण के उनके राजस्व गांव की कृषि भूमि पर खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और खेती-किसानी पर भी सीधा असर डाल रहा है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि गांव में कहीं भी अवैध निर्माण नहीं हो रहा है। इसके बावजूद प्राधिकरण ने मनमानी दिखाते हुए कृषि योग्य भूमि के लेन-देन पर पाबंदी लगा दी। किसानों ने बताया कि इस फैसले के कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है क्योंकि कई लोग अपनी जमीन बेचकर बच्चों की पढ़ाई, इलाज और परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने का सहारा ढूंढ रहे थे। अब अचानक रोक लगने से उनका भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही प्राधिकरण अपना निर्णय वापस नहीं लेता तो वे आंदोलन की राह अपनाने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि जमीन ही उनकी आजीविका का साधन है और उस पर इस तरह के निर्णय से उन्हें बर्बादी की कगार पर धकेला जा रहा है।
इस पूरे मामले पर जिला विकास प्राधिकरण के उप सचिव गोपाल सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से दिए गए विज्ञापन और शिकायत की जांच कराई जाएगी। साथ ही जो भी वैधानिक कार्रवाई जरूरी होगी, उसे नियमों के अनुसार लागू किया जाएगा। हालांकि किसानों का कहना है कि जब तक खरीद-फरोख्त पर लगी रोक नहीं हटाई जाती, वे चुप नहीं बैठेंगे।
किसानों और जेडीए के बीच यह विवाद अब तूल पकड़ता दिख रहा है। आने वाले दिनों में इसका हल निकलेगा या यह आंदोलन का रूप लेगा, यह देखना बाकी है।