

उत्तराखंड के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य के सड़क बुनियादी ढांचे, चारधाम परियोजना में हो रही देरी, बाइक टैक्सी नीति और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
प्रतीकात्मक छवि
Haridwar: उत्तराखंड के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य के सड़क बुनियादी ढांचे, चारधाम परियोजना में हो रही देरी, बाइक टैक्सी नीति और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से इन मुद्दों पर चार सवाल पूछे।
गडकरी ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2014-15 से लेकर जून 2025 तक उत्तराखंड में कुल 2969 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और विकास किया गया है। उन्होंने माना कि चारधाम सड़क परियोजना में देरी के पीछे न्यायालय में लंबित वन एवं पर्यावरण स्वीकृति, भूमि अधिग्रहण में जटिलताएं, प्राकृतिक आपदाएं, स्थानीय स्तर की मांगें और संवेदनशील विवाद जैसे कारण जिम्मेदार हैं।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मोटरयान एग्रीगेटर्स दिशा-निर्देश, 2025 के तहत राज्य सरकार गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों को साझा यात्री सेवा के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकती है। इस विषय पर अभी तक केंद्र को उत्तराखंड से कोई नीति संबंधी विवाद या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सड़क सुरक्षा को लेकर गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 4E (Engineering, Enforcement, Education, Emergency Care) रणनीति को अपनाया है। इसके अंतर्गत क्रैश वॉरियर्स, रंबल स्ट्रिप्स, उचित साइनेज, गति नियंत्रण उपाय, नियमित सड़क सुरक्षा ऑडिट, ब्लैक स्पॉट्स का सुधार और IRAD परियोजना के माध्यम से दुर्घटना डाटा का विश्लेषण कर सुधारात्मक योजनाएं बनाई जा रही हैं।
सांसद रावत ने कहा कि उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से संवेदनशील राज्य में सुरक्षित, सुलभ और मजबूत सड़क नेटवर्क अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि चारधाम परियोजना समेत अन्य सड़क परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा मिल सके। उन्होंने सड़क सुरक्षा उपायों को और सख्ती से लागू करने और बाइक टैक्सी जैसी सेवाओं के संचालन को पारदर्शी एवं सुरक्षित बनाने की भी मांग की।