

टिहरी के नेल पिखली गांव में स्कूल से लौट रहे दो बच्चों पर पेड़ गिरने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने जर्जर पेड़ों को हटाने की मांग की। प्रशासन पर उठे सवाल। यहां पढ़ें पूरी खबर
टिहरी में बड़ा हादसा
Tehri: उत्तराखंड के टिहरी जनपद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। घनसाली तहसील के नेल पिखली गांव के पास स्कूल से लौटते समय अचानक पेड़ गिर जाने से दो मासूम बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतकों की पहचान ग्राम नेल पिखली निवासी आरव बिष्ट (16 वर्ष) और मानसी (14 वर्ष) के रूप में हुई है। आरव बिष्ट राजकीय इंटर कॉलेज घूमेटी धार में कक्षा दसवीं का छात्र था जबकि मानसी उसी स्कूल में कक्षा नवीं में पढ़ती थी।
ये है पूरा मामला
दोनों बच्चे रोज की तरह स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि नेल पिखली के पास अचानक तेज हवा के चलते एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया और दोनों बच्चे उसकी चपेट में आ गए। हादसा इतना भीषण था कि बच्चों को संभलने का मौका ही नहीं मिला और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्कूल के शिक्षकों और ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
ग्रामीणों की मांग
गांव वालों का कहना है कि यह रास्ता बेहद संवेदनशील है और सड़क किनारे कई पुराने जर्जर पेड़ खड़े हैं जो कभी भी हादसे को दावत दे सकते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पेड़ों को तुरंत हटाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
ग्राम प्रधान ने दिया मदद का आश्वासन
इधर, हादसे की खबर मिलते ही स्कूल के अन्य छात्र-छात्राओं और शिक्षकों में भी शोक की लहर दौड़ गई। स्कूल प्रशासन ने मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए शोक सभा का आयोजन किया। ग्राम प्रधान और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शोक संतप्त परिवारों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
फिलहाल प्रशासन ने दोनों परिवारों को आर्थिक सहायता देने की बात कही है। एसडीएम घनसाली ने घटनास्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि रास्ते की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम जल्द उठाए जाएंगे।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में सड़क सुरक्षा और पुराने पेड़ों के रखरखाव को लेकर प्रशासन की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते खतरे को भांपकर पेड़ों को हटाया जाता तो आज दो घरों के चिराग बुझने से बच जाते।