देहरादून के इस हाईवे पर जंगली हाथियों का आतंक, कभी भी हो सकता है हादसा

देहरादून के सीमांत गांव टीमली में जंगली हाथियों का झुंड लगातार जंगल से निकलकर सड़क पर आ रहा है। इससे ग्रामीणों और राहगीरों में दहशत है, लेकिन वन विभाग की सतर्कता से अब तक कोई जनहानि नहीं हुई।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 15 September 2025, 11:27 PM IST
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Uttarakhand: उत्तराखंड के देहरादून जनपद के सीमांत गांव टीमली में इन दिनों जंगली हाथियों का लगातार आतंक बना हुआ है। विकासनगर क्षेत्र के इस गांव में लगातार हाथियों का झुंड जंगल से निकलकर सड़क तक पहुंच रहा है, जिससे न सिर्फ ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, बल्कि राहगीरों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि वन विभाग की सतर्कता और मुस्तैदी से अब तक कोई जनहानि नहीं हुई है।

गांव वालों में डर का माहौल

टीमली गांव के निवासियों का कहना है कि हाथियों का यह झुंड अक्सर रात के समय निकलता है और कई बार तो गांव से सटे मकानों की बाउंड्री तक पहुंचकर नुकसान भी पहुंचा चुका है। इससे इलाके में डर का माहौल है और ग्रामीण रात्रि के समय घर से निकलने से कतराने लगे हैं।

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अभी तक नहीं हुआ कोई हादसा

सोमवार की रात एक बार फिर जंगली हाथियों का एक झुंड नेशनल हाईवे पर पहुंच गया। यह वह समय था जब हाईवे से वाहन गुजर रहे थे, लेकिन वन विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए ट्रैफिक को तुरंत रोक दिया और हाथियों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर वापस ले जाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में वन कर्मियों ने अत्यंत सूझबूझ और संयम का परिचय दिया, जिससे कोई दुर्घटना नहीं हुई।

वन विभाग अलर्ट मोड पर

वन विभाग ने इलाके में विशेष निगरानी शुरू कर दी है। विभाग की टीमें देर रात तक गश्त पर रहती हैं और हाथियों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोग भी वन विभाग की सक्रियता की खुलकर सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर विभाग इस तरह सतर्क न होता तो अब तक कोई बड़ी घटना घट सकती थी।

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ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों की मानें तो जंगल के अंदर भोजन और पानी की कमी के चलते हाथियों का झुंड आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ रहा है। वहीं, मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ने का खतरा भी इस क्षेत्र में बना हुआ है।

वन विभाग का बयान

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीमली गांव और आसपास के इलाकों में हाथियों की गतिविधियां लगातार ट्रैक की जा रही हैं। क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन सर्विलांस और रात्रिकालीन पेट्रोलिंग के माध्यम से पूरी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा स्थानीय लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे रात के समय बाहर न निकलें और हाथियों के संपर्क में आने से बचें।

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