Tehri News: गुलदार की धमक से ग्रामीण में फैली दहशत

टिहरी के प्रतापगढ़ में गुलदार के दिखाई देने के बाद क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 31 May 2025, 7:43 PM IST
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टिहरी: प्रतापनगर के ओखलाखाल गांव में गुलदार की धमक से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। क्षेत्र के ग्रामीण शाम ढलते ही गुलदार के भय के कारण घरों में दुबकने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजर लगाने की मांग की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ओखलाखाल निवासी शरद बिष्ट, हिम्मत सिंह रावत, महिपाल रावत, टीकम रावत, विशन सिंह ,कुलवीर पंवार, अर्जुन रावत, गंभीर धनाई ने बताया कि गत एक सप्ताह से शाम ढलते ही गुलदार बस्ती में धमक जाते हैं। गुलदार अब तक छह कुत्तों को अपना निवाला बना चुका है। रात को गुलदार जोर-जोर से दहाड़ रहा है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना है।

उन्होंने कहा कि गुलदार के डर के कारण ग्रामीण अपने रोजमर्रा के कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहीं आना-जाना मुश्किल हो गया है। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है और स्थानीय लोगों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है।

उन्होंने वन विभाग से गांव में गश्ती टीम तैनात करने कर ग्रामीणों को गुलदार से निजात दिलाने की मांग है। ग्रामीणों ने कहा कि अभी तक तो गुलदार ने चौपाय जानवर को अपना निवाला बनाया है। मौका पाकर वह इंसानो पर भी जानलेवा हमला करेगा।

रेंजर हर्षराम उनियाल ने कहा कि गांव में गुलदार के दिखायी देने की सूचना मिली है। गांव में गश्ती टीम भेज दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से शाम के समय बच्चों को अकेला नहीं छोड़ने और घरों के बाहर अंधेर वाले स्थानों पर लाइट जलाए रखने की अपील की है।

बता दें कि उत्तराखंड में गुलदार का आतंक बना हुआ है। बीते दिन रुद्रप्रयाग के विकासखंड जखोली में एक बार फिर से गुलदार ने जयंती गांव में एक 59 वर्षीय महिला रुपा देवी पत्नी रमेश थपलियाल को अपना निवाला बनाया। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है और ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है।

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक गुलदार को आदमखोर घोषित नहीं किया जाएगा, महिला का शव नहीं उठाया जाएगा। इससे पूर्व देवल गांव में भी एक महिला को गुलदार ने निवाला बनाया था, जबकि कई लोगों पर जानलेवा हमला कर चुका है। इसके बाद भी वन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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