Mansa Devi Temple Stampede: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़, आधा दर्जन लोगों की मौत, कई घायल

हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार को भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका है। यह हादसा अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्थित प्रबंधन के चलते हुआ। मौके पर पुलिस और प्रशासन राहत कार्य में जुटा है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 27 July 2025, 10:29 AM IST
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Uttarakhand: धर्मनगरी हरिद्वार से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। रविवार को प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और अफरातफरी का माहौल बन गया।

हादसे की वजह

यह दुखद घटना रविवार को हुई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। पिछले कुछ दिनों से कांवड़ यात्रा और सावन के पावन अवसर पर हरिद्वार में भीड़ का भारी दबाव बना हुआ है। प्रशासन द्वारा पूर्व में जिस तंग रास्ते को मेले के समय बंद रखा जाता था, अत्यधिक भीड़ के बावजूद उसी रास्ते से श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा था, जहां यह हादसा हुआ।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि वह स्वयं मौके के लिए रवाना हो चुके हैं और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं कोतवाली प्रभारी रितेश शाह ने भी हादसे की पुष्टि की है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल तुरंत मौके पर पहुंचा और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।

भीड़ की स्थिति

23 जुलाई को जलाभिषेक के आयोजन के बाद से ही हरिद्वार में कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की भीड़ में इजाफा हुआ है। साथ ही शनिवार और रविवार को वीकेंड होने की वजह से आम श्रद्धालुओं की संख्या भी कई गुना बढ़ गई। मनसा देवी मंदिर में प्रतिदिन देशभर से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन भीड़ प्रबंधन में लापरवाही इस दुर्घटना का मुख्य कारण मानी जा रही है।

हादसे का कारण

जानकारों के अनुसार, यह रास्ता अत्यधिक संकीर्ण (तंग) है और सामान्य दिनों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। लेकिन रविवार को सुरक्षा व्यवस्था और मार्ग नियंत्रण में चूक के चलते इस रास्ते पर लोगों को जाने दिया गया। इसी दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ की स्थिति बन गई।

राहत एवं बचाव कार्य

घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन द्वारा मृतकों के परिजनों को सहायता देने की घोषणा की गई है। राहत कार्य में पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों को लगाया गया है।

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