Rudraprayag: सोनप्रयाग में जाम की समस्या खत्म, बहुउद्देशीय पार्किग तैयार

केदरनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण किया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 4 May 2025, 5:46 PM IST
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रुद्रप्रयाग: चार धाम यात्रा को लेकर सोनप्रयाग में बहुउद्देशीय पार्किगं का निर्माण किया गया है। ग्याहरवें ज्येर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन ने केदारनाथ पाडव सोनप्रयाग और सीतापुर में दो बडी पार्किगं का निर्माण किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इसमें एक दिन में 800 से 1000 हजार छोटे बडे वाहनों को खडे करने की क्षमता हैं जबकि सोनप्रयाग में 1 हजार से 2 हजार दो पहिया वाहनों के लिए तीन मंजिला पार्किगं जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई है। जिसका संचालन जिला प्रशासन द्वारा ठेके पर दिया हैं।

70 करोड़ की लागत से इस बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण नहीं किया गया है। जिससे 2 करोड़ 62 लाख रूपये का राजस्व जिला प्रशासन को मिलता है। ऐसी ही पार्किग सीतापुर में भी बनाई गयी है। सीतापुर में कई सौ वाहन खडे किये जाते हैं।

बता दें कि यात्रा के समय तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। साथ ही लम्बा जाम लगने से तीर्थ यात्रियों को पांच मिनट का सफर तय करने के लिए घंटों लग जाते हैं। पार्किंग सुविधा नहीं होने से स्थानीय व्यापारी भी खासे परेशान रहते हैं। रोड पर जाम की विकट स्थिति बनी रहती थी।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय की गोद में बसा केदारनाथ धाम, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस पवित्र तीर्थस्थल तक पहुंचने के लिए यात्री विभिन्न माध्यमों का सहारा लेते हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा आप हरिद्वार या ऋषिकेश से शुरू कर सकते हैं।

ज्यादातर लोग यह यात्रा हरिद्वार से शुरू करते हैं। केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए सबसे पहले हरिद्वार से सोनप्रयाग या गौरीकुंड तक पहुंचना होता है, और यहां से केदारनाथ धाम के लिए लगभग 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।

बता दें कि वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी में सोनप्रयाग बाजार को भी भारी नुकसान पहुंचा था। इस स्थान पर कई आवासीय भवन, होटल, लॉज व वाहनों की पार्किग स्थल सैलाब में बह गए थे।

आपदा के बाद फिर से यहां पर बहुउद्देशीय पार्किग के निर्माण की रूपरेखा वर्ष 2014 में तैयार की गई थी और सत्तर करोड़ का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया। इसके निर्माण का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम उत्तर प्रदेश का दिया गया, मगर निर्माण कार्य कछुआ गति से चलने के कारण आपदा के आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक पूरा नहीं हो सका है।

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