

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बारिश के कारण केदारनाथ मार्ग पर आवाजाही प्रभावित हो रही है।
रुद्रप्रयाग में बारिश बनी मुसीबत
रुद्रप्रयाग: जनपद रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के चलते श्रद्धालुओं को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को सोनप्रयाग शटल पुल के समीप व मुनकटिया के पास स्लाइडिंग जोन वाले क्षेत्र में निरन्तर मलबा-पत्थर आने से मार्ग यात्रियों की आवाजाही के लिए पूर्ण रुप से बाधित हो गया।
जानकारी के अनुसार प्रशासन ने मार्ग को खोले जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की , लेकिन निरन्तर हो रही बारिश और पहाड़ी से मलबा पत्थर गिरने के कारण इन दोनों स्थान पर मार्ग खोले जाने में दिक्कतें आईं।
जान जोखिम में डालकर श्रद्धालु कर रहे यात्रा
मौसम के साफ होने व मलबा पत्थर के गिरने से रुकने के पश्चात सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के स्तर से दोनो छोरों से कार्य प्रारम्भ करते हुए इन दोनों जगहों पर मार्ग को पैदल चलने लायक बनाया गया।
इस बीच पुलिस के स्तर से इन दोनों स्थानों के दोनों छोरों पर सुरक्षा की दृष्टि से यात्रियों को रोकते हुए मार्ग के सुचारु होने पर उनको यात्रा मार्ग पर भेजा गया। गौरीकुण्ड से वापस आने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग की तरफ लाया गया है।
इन स्थानों पर मार्ग के खुलने व बन्द होने की ऑंख मिचौली बनी हुई है तथा सम्बन्धित कार्यदायी संस्था, प्रशासनिक अधिकारीगण व पुलिस के स्तर से अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए यात्रियों की आवाजाही करवायी जा रही है। जनपद पुलिस ने केदारनाथ धाम आ रहे श्रद्धालुओं से अपील है कि वे मौसम पूर्वानुमान सहित अतिरिक्त सतर्कता के साथ ही केदारनाथ धाम यात्रा पर आयें।
उत्तराखंड में हर साल की तरह मानसून के दस्तक देते ही भूस्खलन और हिमस्खलन की खबरें आना शुरू हो जाती हैं। लगातार बारिश के कारण गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का पैदल मार्ग भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
ऐसे में प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान के हिसाब से अपनी यात्रा करें तथा इस संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि स्लाइडिग जोन पर यात्रियों को सुरक्षित आवाजाही करवाई जा रही है। मुनकटिया में पुलिस फोर्स तैनात है, जो यात्रियों को एक छोर से दूसरे छोर पर ले जा रही है।
बारिश होने पर पहाड़ी से मलबा सड़क पर आ रहा है, जिससे जान हथेली पर रखकर वाहनों की आवाजाही हो रही है। गौरीकुंड हाईवे बरसात शुरू होने पर खतरनाक हो गया है