

चारधाम यात्रा के लिए भक्त उत्साहित हैं और अपने आरोध्य देव के दर्शनों के लिए व्याकुल हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
दो मई से होेंगे बाबा केदार के दर्शन (इमेज सोर्स- इंटरनेट)
रुद्रप्रयाग: देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थ यात्राओं का समय शुरु हो गया है। द्वादश 11 ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट 2 मई को देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। धाम के कपाय सुबह 6:20 बजे खुल जाएंगे। श्रद्धालुओं को मंदिर में सुबह 7 बजे से प्रवेश मिलेगा और वो भगवान शिव के दर्शन कर सकेंगे।
बद्री-केदार मंदिर समिति मंदिर के कपाट खोलने की तैयारियों में जुटी गई है। आगामी 2 मई को विश्वप्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट आम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
भगवान केदारनाथ की पच मुखी चल विग्रह डोली सोमवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर से कैलाश के लिए रवाना होगी। भगवान केदारनाथ की डोली के प्रस्थान के अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालु और आर्मी की बैंड की धुन उत्तराखंड के वाद्य यंत्र और श्रद्धालुओ के जयकारों से भगवान केदारनाथ की डोली अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करेगी।
भगवान केदारनाथ की शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर को गेंदा के फूलों से सजाया गया है रविवार देर रात्रि से पूजा अर्चना और वैदिक मंत्रों का जाप किया जा रहा है। सोमवार को भगवान केदारनाथ की पांच मुखी चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास के लिए काशी विश्वनाथ गुप्तकाशी में रात्रि प्रवास करेगी। अपने आराध्य देव को देखने के लिए श्रदालुओं लालित्य है।
हर साल शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण छह महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न होती है।
केदारनाथ क्षेत्र का पूरा इलाका इस समय बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ है और धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। कपाट खुलते ही यह क्षेत्र भक्तों से यह स्थान गुलजार हो जाएगा। ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के रावल की उपस्थिति में विद्वान आचार्यों ने कपाट खुलने की तिथि तय की।
केदारनाथ मंदिर मेरू और सुमेरू पर्वत की तलहटी में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार छह महीने तक नर भक्त बाबा केदार की पूजा करते हैं, जबकि शीतकाल में देवता स्वयं मंदिर में पूजन करते हैं।
बद्री-केदार मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वाईएस पुष्पाण ने बताया कि 2 मई केदारनाथ के कपाट पौराणिक परम्परानुसार आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इससे पूर्व 27 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर में शाम को भैरवनाथ की पूजा अर्चना संपन्न की जाएगी। जिसके बाद ही 28 अप्रैल को अपने धाम के लिए केदारनाथ की डोली का प्रस्थान होगा। केदारनाथ के कपाट खोलने को लेकर मंदिर समिति की तैयारियां जुटी है।