रामनगर की सड़कों पर अचानक उभरे विरोध ने सबका ध्यान खींच लिया। एक नाम को लेकर उठी आवाज़ ने सत्ता से सवाल पूछे। नारे, पुतला दहन और न्याय की मांग के बीच एक संदेश साफ था यह संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ।

रामनगर की सड़कों पर उठा इंसाफ का सवाल
Ramnagar: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर बुधवार को रामनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने रानीखेत रोड पर नारेबाजी करते हुए भाजपा सरकार का पुतला दहन किया और मामले में शामिल सभी आरोपियों को फांसी की सजा देने के साथ सीबीआई जांच की मांग की।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि भाजपा शासनकाल में उत्तराखंड की बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला सशक्तिकरण और सम्मान की बात करने वाली सरकार के राज में ही महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड इस बात का बड़ा उदाहरण है, जिसमें सत्ता से जुड़े लोगों को बचाने का प्रयास किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले में केवल छोटे आरोपियों को जेल भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ ली, जबकि घटना में शामिल प्रभावशाली और वरिष्ठ नेताओं को बचाने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच होती तो सच्चाई पहले ही सामने आ जाती।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि हत्याकांड से जुड़े साक्ष्यों को जानबूझकर नष्ट किया गया, ताकि दोषियों को बचाया जा सके। उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराई जाए, जिससे सच्चाई देश के सामने आ सके।
कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
रानीखेत रोड पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान “अंकिता को न्याय दो”, “दोषियों को फांसी दो” और “भाजपा सरकार जवाब दो” जैसे नारे लगाए गए। कुछ देर के लिए सड़क पर यातायात भी प्रभावित रहा, हालांकि पुलिस की मौजूदगी में स्थिति नियंत्रण में रही।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अंकिता भंडारी केवल एक नाम नहीं, बल्कि हजारों बेटियों की आवाज है। अगर इस मामले में न्याय नहीं मिला तो यह समाज के लिए बेहद चिंताजनक होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को महिला सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए, न कि राजनीतिक दबाव में काम करना चाहिए।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि जब तक अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और किसी प्रकार की तोड़फोड़ की सूचना नहीं है।
इस प्रदर्शन के बाद एक बार फिर अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस जनआक्रोश के बाद क्या कदम उठाती है और क्या अंकिता को वास्तव में न्याय मिल पाता है या नहीं।