कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला जोन में 17 साल बाद मेडिकल डिस्पेंसरी बहाल हुई। अब पर्यटक और वनकर्मी तुरंत प्राथमिक उपचार प्राप्त कर सकेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली से मानव–वन्यजीव संघर्ष और आपदा प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार होगा।

डिस्पेंसरी बहाली से स्वास्थ्य सुविधा बहाल
Ramnagar: कार्बेट टाइगर रिजर्व आने वाले लाखों पर्यटकों और यहां तैनात वनकर्मियों के लिए राहत की खबर है। ढिकाला जोन में 17 साल बाद फिर से मेडिकल डिस्पेंसरी शुरू कर दी गई है। यह डिस्पेंसरी 2008 तक सक्रिय थी, लेकिन लंबे समय से बंद होने के कारण क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव रहा।
ढिकाला जोन राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग 31 किलोमीटर अंदर कोर ज़ोन में स्थित है और हर वर्ष बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक यहां सफारी के लिए आते हैं। दुर्गम इलाके में अचानक स्वास्थ्य समस्या, चोट या मानव–वन्यजीव संघर्ष जैसी आपात स्थितियों में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण था।
इस आवश्यकता को देखते हुए कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के सहयोग से ढिकाला डिस्पेंसरी को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया। 28 नवंबर 2025 को उन्होंने औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया।
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अब सफारी के दौरान अचानक बीमारी, चोट या किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में पर्यटक साइट पर ही फर्स्ट एड प्राप्त कर सकेंगे। इससे न केवल उनकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि पर्यटक अनुभव भी सुरक्षित और संतोषजनक होगा।
ढिकाला डिस्पेंसरी
रिजर्व के अंदर तैनात फील्ड स्टाफ को नज़दीक मेडिकल सुविधा मिलने से उनके काम की सुरक्षा और मानसिक संतुलन दोनों बढ़ेंगे। यह पहल वनकर्मियों के लिए एक स्थायी और विश्वसनीय हेल्थ सपोर्ट सिस्टम साबित होगी।
जंगल क्षेत्र में होने वाले किसी भी संघर्ष या आकस्मिक घटना में त्वरित उपचार और चिकित्सा सहायता उपलब्ध होगी। इससे वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा दोनों में संतुलन बनाए रखना आसान होगा।
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स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता से रिजर्व की सुरक्षा, प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली मजबूत होगी। मेडिकल डिस्पेंसरी में सभी आवश्यक मेडिकल सामग्री, प्राथमिक उपचार किट, उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
उद्घाटन के दौरान उप निदेशक राहुल मिश्रा, ढिकाला के वन क्षेत्राधिकारी उमेश चंद्र आर्या, यथार्थ ग्रुप के प्रतिनिधि प्रकाश श्रीवास्तव और विनोद बिष्ट सहित अन्य वन स्टाफ मौजूद थे। उन्होंने डिस्पेंसरी की बहाली को पर्यटकों और वनकर्मियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।