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उत्तराखंड में बारिश की मार: चमोली के चार गांवों में कहर, रेस्क्यू में जुटी SDRF और NDRF

उत्तराखंड के चमोली जिले में बुधवार रात बादल फटने से भारी तबाही मची है। नंदानगर के कई गांवों में छह मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए और पांच लोग मलबे में दबकर लापता हो गए हैं। SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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उत्तराखंड में बारिश की मार: चमोली के चार गांवों में कहर, रेस्क्यू में जुटी SDRF और NDRF

Nainital: उत्तराखंड के चमोली जिले में मानसून जाते-जाते फिर से अपना कहर बरपा रहा है। बुधवार देर रात नंदानगर तहसील के कई गांवों में भारी बारिश के साथ बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सबसे ज्यादा नुकसान फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा और धुर्मा गांवों में हुआ, जहां अचानक आए मलबे और पानी के तेज बहाव ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। नंदानगर के वार्ड कुन्तरी के फाली क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के कारण एक भयंकर भू-स्खलन हुआ, जिससे छह आवासीय भवन पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। मलबे में दबने से अब तक पांच लोगों के लापता होने की सूचना है, जबकि दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मलबे के नीचे और भी लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

उत्तराखंड में बारिश की मार

मौके पर पहुंचीं रेस्क्यू टीमें

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तुरंत नंदप्रयाग पहुंच गई हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें भी गोचर से रवाना कर दी गई हैं और राहत-बचाव कार्य में लगी हैं। चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने खुद स्थिति का जायजा लिया और बताया कि राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। लापता लोगों की खोजबीन के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के अनुसार, तीन 108 एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया है। मेडिकल टीमें भी पूरी तैयारी के साथ मौके पर मौजूद हैं ताकि किसी भी घायल व्यक्ति को तुरंत इलाज दिया जा सके।

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धुर्मा गांव में भी नुकसान

नंदानगर तहसील के ही एक अन्य गांव, धुर्मा में भी भारी वर्षा के चलते नुकसान हुआ है। यहां पांच मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। हालांकि, राहत की बात यह है कि यहां किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। मौके पर मौजूद स्थानीय प्रशासन ने बताया कि धुर्मा गांव के पास बहने वाली मोक्ष नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे गांव के नीचे बसे इलाकों में खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों को सतर्क किया गया है और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी गई है।

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