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स्वतंत्रता दिवस का पर्व देशभर में गर्व, सम्मान और त्याग की अनगिनत कहानियों को याद करने का दिन है। इस अवसर पर उत्तराखंड पुलिस विभाग के लिए भी गौरव का क्षण आया है। पढ़ें पूरी खबर
हरिद्वार: स्वतंत्रता दिवस का पर्व देशभर में गर्व, सम्मान और त्याग की अनगिनत कहानियों को याद करने का दिन है। इस अवसर पर उत्तराखंड पुलिस विभाग के लिए भी गौरव का क्षण आया है। राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) में तैनात 2002 बैच के जुझारू और कर्मनिष्ठ अधिकारी इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पाठक को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।
कर्तव्यनिष्ठा को सर्वोच्च प्राथमिकता
जीआरपी उत्तराखंड की कप्तान तृप्ति भारत ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए इंस्पेक्टर पाठक को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। पुलिस सेवा में वर्ष 2002 में भर्ती हुए पाठक ने अपने करियर में अनुशासन, जनसेवा और कर्तव्यनिष्ठा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्हें इससे पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं — 2014 और 2022 में सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, 2016 में उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 2018 में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट एवं सुशासन पुरस्कार।
संसाधनों के बीच लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा
इंस्पेक्टर पाठक के करियर का सबसे प्रेरणादायक अध्याय 2013 की विनाशकारी केदारनाथ आपदा के बाद सामने आया। तब उन्हें केदारनाथ का प्रभारी नियुक्त किया गया और लगातार 6 वर्षों तक उन्होंने विषम भौगोलिक परिस्थितियों, बर्फीली हवाओं और सीमित संसाधनों के बीच लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थापन की जिम्मेदारी निभाई। उनके इस समर्पण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति मुकेश अंबानी से भी विशेष सराहना मिली।
पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत
रेलवे पुलिस में तैनाती के दौरान भी उन्होंने कई यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की और आपात परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई कर जनता का विश्वास जीता। उनकी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में है जो ड्यूटी को सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का अवसर मानते हैं।मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक राज्य सरकार उन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदान करती है जिन्होंने अपनी सेवा अवधि में उत्कृष्ट कार्य कर जनता का भरोसा जीता हो और कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई हों। यह सम्मान न केवल व्यक्ति की उपलब्धियों का प्रतीक है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
सहकर्मियों और विभाग में इस सम्मान की खबर से खुशी की लहर है। अपने निजी जीवन में भी इंस्पेक्टर पाठक अनुशासनप्रिय, विनम्र और सहज स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उनकी जीवन यात्रा यह संदेश देती है कि असली सफलता पदक और प्रशंसा में नहीं, बल्कि उस भरोसे में है जो जनता और सहकर्मी किसी अधिकारी पर करते हैं।