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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत सराहनीय कार्य करने वाली महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला उद्यमियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना का शुभंकर और लोगो लॉन्च किया, साथ ही हाउस ऑफ हिमालय के नए उत्पादों और आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण भी किया।
उत्तराखंड में महिलाओं की नई उड़ान
Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत सराहनीय कार्य करने वाली महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला उद्यमियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना का शुभंकर और लोगो लॉन्च किया, साथ ही हाउस ऑफ हिमालय के नए उत्पादों और आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मातृशक्ति के सशक्तिकरण हेतु 33% आरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना और लखपति दीदी जैसी पहलें लगातार आगे बढ़ रही हैं। राज्य सरकार भी शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन, सशक्त बहना उत्सव योजना और महिला सशक्तिकरण योजना के माध्यम से महिलाओं को नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उद्यमशाला योजना के तहत अगले तीन वर्षों में 15,000 से अधिक उद्यमियों को इनक्यूबेशन, कौशल प्रशिक्षण, कानूनी सहायता, कार्यस्थल, निवेश सहयोग और वैश्विक विपणन नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा।
हाउस ऑफ हिमालय ब्रांड के तहत वर्तमान में 35 उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें शीघ्र ही वैश्विक मंच पर भी पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में महिला सशक्तिकरण योजना से जुड़ी 68,000 इकाइयों के माध्यम से लगभग 5 लाख महिलाएं व्यवसाय कर रही हैं। 2023 में शुरू इस योजना के तहत 27,000 स्टॉल लगाकर करीब 7 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है और अब तक 1.63 लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।
विपणन और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 49 ग्रोथ सेंटर, 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट, 17 सर्विस सेंटर, 3 राज्य स्तरीय केंद्र और 8 बेकरी यूनिट संचालित हो रहे हैं।
कार्यक्रम में कई महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानियां भी साझा कीं। अल्मोड़ा की सीमा कुमारी ने 5 वर्षों में 18 लाख रुपये का व्यवसाय खड़ा किया। बागेश्वर की दया दानू के समूह ने लगभग 1 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया, जबकि नैनीताल की किरण जोशी ने रेशम उत्पादन से मात्र 9 माह में 8 लाख रुपये का कारोबार किया।
कार्यक्रम का समापन महिला शक्ति के सम्मान और उनके आत्मनिर्भर भारत निर्माण में योगदान के संकल्प के साथ हुआ।