

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। जिसमें उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधाओं, सुरक्षा और सांस्कृतिक प्रस्तुति को प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। क्या निर्देश जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारी पर मुख्यमंत्री धामी का सख्त रुख (सोर्स- एक्स)
Haridwar: उत्तराखंड की आस्था और संस्कृति का प्रतीक मानी जाने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को शासकीय आवास पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस बार यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ एवं समन्वित तरीके से सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी है, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, पेयजल और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मार्ग के हर पड़ाव पर चिकित्सा टीमों की उपलब्धता सुनिश्चित हो, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित उपचार दिया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने मार्ग पर पर्याप्त शौचालय और कचरा निस्तारण की ठोस व्यवस्था करने पर बल दिया।
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सीएम धामी ने यात्रा को सांस्कृतिक रूप से और अधिक आकर्षक बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नंदा देवी राजजात यात्रा से संबंधित लोक गीतों और लोक कथाओं को पेंटिंग और चित्रों के माध्यम से मार्ग के अलग-अलग स्थलों पर प्रदर्शित किया जाए। इससे न केवल श्रद्धालुओं को यात्रा की महत्ता और इसके ऐतिहासिक-सांस्कृतिक पक्ष की जानकारी मिलेगी बल्कि स्थानीय परंपराओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
सोर्स- एक्स
बैठक में यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्ग पर आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की जाए और ट्रैफिक को सुचारु बनाए रखने हेतु पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ या अव्यवस्था न हो।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आपसी समन्वय से काम करने पर जोर देते हुए कहा कि यात्रा केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसे सफल और यादगार बनाने की जिम्मेदारी हर अधिकारी और कर्मचारी की है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सहज और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
नंदा देवी राजजात यात्रा, जिसे ‘हिमालय की महाकुंभ’ भी कहा जाता है, हर बार देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है। मुख्यमंत्री धामी की सख्ती से इस बार यात्रा की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।