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कल रात मलारी से 7 किमी दूर मेहर गांव में लगी आग पर फायर सर्विस ज्योतिर्मठ, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी और बीआरओ की त्वरित और समन्वित कार्रवाई से पूरी तरह काबू पाया गया। किसी भी प्रकार की जनहानि या पशु हानि नहीं हुई।
मेहर गांव में आग पर फायर सर्विस (सोर्स- गूगल)
Joshimath: कल रात्रि मलारी से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित मेहर गांव में आग लगने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। फायर सर्विस ज्योतिर्मठ, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी और बीआरओ की संयुक्त कार्रवाई के चलते आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया।
सूचना प्राप्त होते ही चौकी मलारी से पुलिस फोर्स, आईटीबीपी और फायर सर्विस ज्योतिर्मठ को तत्काल अवगत कराया गया। फायर सर्विस की प्रशिक्षित टीम अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरणों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुई। घटनास्थल पहुँचकर टीम ने स्थिति का त्वरित आंकलन किया और चार होज पाइप फैलाकर योजनाबद्ध तरीके से आग बुझाने की कार्रवाई शुरू की।
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अग्निशमन कार्य के दौरान आर्मी और बीआरओ के टैंकरों ने निरंतर पानी की आपूर्ति की। इस सहयोग से फायर सर्विस टीम को पर्याप्त जल उपलब्ध हुआ और आग पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सका। इस दौरान मलारी स्थित राजपूत रेजीमेंट, आईटीबीपी, बीआरओ, आर्मी और पुलिस बल भी घटनास्थल पर उपस्थित रहे। सभी का समन्वय और मेहनत ही आग पर तेजी से नियंत्रण पाने में मददगार साबित हुई।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस आग में एक से दो मकान प्रभावित हुए। हालांकि, गांव में घटना के समय कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, इसलिए किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। साथ ही, पशु हानि की भी कोई सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि आग से हुई संपत्ति की हानि न्यूनतम रही और स्थिति पूरी तरह नियंत्रित कर ली गई।
सुरक्षा बलों ने मिलकर पाया काबू
फायर सर्विस ज्योतिर्मठ की टीम में शामिल थे:
1. LFM: प्रदीप त्रिवेदी
2. चालक: प्रदीप, राकेश गौड
3. FM: पंकज थपलियाल
4. महिला फायरमैन: मनीषा सजवाण, प्रियंका रावत, मीनाक्षी, सपना
5. कोतवाली ज्योतिर्मठ की टीम
इन सभी सदस्यों ने अपनी त्वरित और कुशल कार्रवाई से आग फैलने से पहले ही नियंत्रण कर लिया।
ज्योतिर्मठ फायर सर्विस के अधिकारियों ने बताया कि त्वरित सूचना और टीमवर्क ही इस घटना में सफलता की कुंजी थी। आर्मी, आईटीबीपी और बीआरओ की मदद से पानी की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित की गई, जिससे आग के फैलाव को रोका जा सका।
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इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि ग्रामीण इलाकों में त्वरित प्रतिक्रिया और आपातकालीन समन्वय कितना महत्वपूर्ण होता है। समय पर मिली सूचना और प्रशिक्षित टीम की त्वरित कार्रवाई ने गंभीर नुकसान को टालने में मदद की।
मेहर गांव की आग पर नियंत्रण पाने की घटना यह संदेश देती है कि संयुक्त और समन्वित कार्रवाई से किसी भी आपात स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। फायर सर्विस ज्योतिर्मठ, आर्मी, बीआरओ, पुलिस और आईटीबीपी की तत्परता ने साबित किया कि मिलकर कार्य करने से बड़े संकट को भी आसानी से संभाला जा सकता है।