

उत्तराखंड के देहरादून जनपद के कोटी ईछड़ी डेम से 16 वर्षीय किशोरी का शव बरामद हुआ है। SDRF की टीम ने शव को डेम से बाहर निकाला और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
किशोरी का शव
Vikasnagar: उत्तराखंड के देहरादून जिले से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां कोटी ईछड़ी डेम में मंगलवार को SDRF की टीम ने एक किशोरी का शव बरामद किया। बता दें कि मृतका की पहचान शबीना (16) पुत्री यासीन के रूप में की गई है, जो उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र की रहने वाली थी।
पुलिस और SDRF टीम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शबीना ने कुछ दिन पहले मोरी झूलापुल से छलांग लगाई थी, जिससे उसकी जान चली गई। घटनास्थल के पास स्थित कोटी ईछड़ी डेम में शव मिलने के बाद SDRF की टीम ने शव को डेम से बाहर निकाला और पुलिस को सौंप दिया।
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शबीना की मौत के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शबीना के आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य जांचों के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
देहरादून के कोटी ईछड़ी डेम से 16 वर्षीय किशोरी का शव SDRF ने बरामद किया। शबीना ने कुछ दिन पहले मोरी झूलापुल से छलांग लगाई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना ने क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी। #Dehradun #SDRF #Shabina #SuicidePrevention #MentalHealthAwareness pic.twitter.com/6hwZmHmj1Q
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 13, 2025
मोरी क्षेत्र में इस घटना के बाद स्थानीय लोग सदमे में हैं और पुलिस प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। आसपास के गांवों में शोक की लहर है और लोग शबीना के परिवार के साथ संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।
SDRF के अनुसार, शव को बाहर निकालने में कोई विशेष कठिनाई नहीं हुई, लेकिन यह घटना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है। पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं पर गौर कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस मामले में कोई अनहोनी न हो।
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पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले में आगे की कार्रवाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों से भी इस मामले को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है ताकि घटना के कारणों का पता लगाया जा सके।
इस मामले पर स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों का कहना है कि आत्महत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी एक गंभीर चिंता का विषय है, और इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।