

रुद्रप्रयाग के केदारनाथ हाईवे पर चट्टान खिसकने और मलबा गिरने के कारण मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया। राहत कार्य चल रहा है और यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से जाने की सलाह दी जा रही है।
रुद्रप्रयाग में चट्टान खिसकने से हाईवे पर यातायात बाधित
Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर थाना अगस्त्यमुनि क्षेत्रान्तर्गत पुराना देवल के पास केदारनाथ हाईवे पर कल देर रात चट्टान खिसकने और मलबा आने के कारण मार्ग यातायात के लिए बाधित हो गया। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और सड़क सुरक्षा टीम घटनास्थल पर राहत कार्य में जुटे हुए हैं। यातायात बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं और आने-जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करने की सलाह दी गई है।
आपकी जानकाराी के लिए बता दें कि रुद्रप्रयाग जनपद में मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और मलवा आने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। जिला प्रशासन ने इस दौरान 36 से अधिक सड़कें बंद कर दी हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
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ऋषिकेश-बद्रीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड जैसे प्रमुख चारधाम यात्रा मार्ग भी प्रभावित हुए हैं। मलवा और पहाड़ी दरकने की घटनाओं ने इन मार्गों पर आवाजाही को बहुत कठिन बना दिया है। यात्री इन मार्गों पर यात्रा करते समय जान जोखिम में डाल रहे हैं।
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे का मार्ग बाधित
देर रात पुराना देवल के पास चट्टान खिसकने से रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात प्रभावित हो गया। राहत कार्य जारी हैं। #Rudraprayag #KedarnathHighway #RoadBlock pic.twitter.com/AaxfxT30B8
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 3, 2025
मौसम विभाग की चेतावनी और प्रशासनिक आदेशों के बावजूद चारधाम यात्रा 5 सितंबर तक स्थगित कर दी गई है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा स्थगित करें, लेकिन देशभर से श्रद्धालु रुद्रप्रयाग पहुंच रहे हैं। पुलिस लगातार यात्रियों को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन कई यात्री नियमों का पालन नहीं कर रहे। यात्रा मार्गों पर लगातार लैंडस्लाइड्स और पहाड़ी दरकने से यात्रियों के जीवन को खतरा हो रहा है, और यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।
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बता दें कि इस संकटपूर्ण स्थिति में प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों की जान बचाई जा सके और यात्रा मार्ग सुरक्षित बनाए जा सकें।