

रुद्राक्ष माला व जयकारों के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा का चौथा जत्था मंगलवार को रवाना हुआ। 15 राज्यों से आए 48 श्रद्धालुओं को पर्यावरण समिति और KMVN टीम ने पारंपरिक ढंग से विदा किया।
भव्य स्वागत के साथ कैलाश यात्रियों का चौथा जत्था रवाना
Champawat: कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के चौथे जत्थे को पर्यावरण संरक्षण समिति एवं केएमवीएन (KMVN) टीम ने हरी झंडी दिखाकर अगले पड़ाव के लिए रवाना किया। इस जत्थे में देश के 15 राज्यों से आए 48 श्रद्धालु, जिसमें 34 पुरुष और 14 महिलाएं शामिल हैं, कैलाश मानसरोवर यात्रा के शुभ अवसर का साक्षी बनने जा रहे हैं।
रवाना होने से पहले यात्रियों का लायन्स क्लब की ओर से रुद्राक्ष की माला व पटका पहनाकर सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। इसके पश्चात सभी यात्रियों ने "हर-हर महादेव" के जयकारे लगाते हुए यात्रा की शुरुआत की। पूरा माहौल भक्तिमय और भावनात्मक हो गया।
राज्यों से श्रद्धालुओं की सहभागिता
इस जत्थे में जो यात्री शामिल हैं, वे चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटका, केरल, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और वेस्ट बंगाल जैसे राज्यों से आए हैं। हर एक यात्री की आंखों में शिवधाम के दर्शन की उत्सुकता और चेहरे पर श्रद्धा की झलक दिखाई दी।
कैलाश यात्रा में 15 राज्यों से शामिल हुए 48 यात्री
पारंपरिक स्वागत और प्रशासन का सहयोग
पर्यटक आवास गृह में प्रबंधक मनोज कुमार और KMVN टीम द्वारा यात्रियों का पुष्पमालाओं से पारंपरिक भव्य स्वागत किया गया। इस आयोजन में पर्यावरण संरक्षण समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने श्रद्धालुओं को न केवल हरी झंडी दिखाई बल्कि उनके लिए सहज और सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था सुनिश्चित की।
यात्रियों का आभार
यात्रियों ने सरकारों और आयोजकों के प्रति अपना धन्यवाद प्रकट किया। उत्तर प्रदेश के संतोष शुक्ला और दिल्ली की तन्वी पटेल ने केंद्र सरकार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके जीवन की सबसे बड़ी आध्यात्मिक उपलब्धि है। साथ ही उन्होंने KMVN और पर्यावरण समिति के प्रयासों की सराहना की।
श्रद्धा, सुरक्षा और स्वच्छता
यात्रा में सुरक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। KMVN और पर्यावरण समिति ने यात्रियों को प्लास्टिक मुक्त यात्रा के लिए भी जागरूक किया, जिससे हिमालयी क्षेत्र की सुंदरता और पवित्रता बनी रहे।