

भीमताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की मांग उठी है। समाजसेवी बृजवासी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी से चर्चा कर डॉक्टरों की कमी, आपातकालीन सुविधाओं और आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता पर जोर दिया।
Bhimtal CHC
Bhimtal: क्षेत्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भीमताल की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्थानीय जनता की चिंता अब आवाज का रूप ले रही है। मंगलवार को समाजसेवी बृजवासी ने सीएचसी का दौरा किया और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. महतोलिया से मुलाकात कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को मानकों के अनुरूप विकसित करने की मांग उठाई।
बृजवासी ने अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, आवश्यक दवाएं, जांच उपकरण और आपातकालीन सेवाओं की जमीनी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्र के मरीजों को अभी भी हल्द्वानी और नैनीताल जैसे बड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जो समय, श्रम और धन की बर्बादी के साथ गंभीर मरीजों के लिए जोखिम भी बन जाता है।
108 और 102 आपातकालीन सेवाएं भी सवालों के घेरे में
बृजवासी ने बताया कि 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं की समय पर उपलब्धता, मरीजों को रेफर करने की बाध्यता, दवाओं की वितरण प्रणाली में देरी, टेस्ट रिपोर्ट मिलने में लगने वाला समय जैसे मुद्दे जनता को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि "सीएचसी को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि वास्तविकता में 'सामुदायिक जीवन रक्षक केंद्र' बनाना होगा। इसके लिए संसाधनों की उपलब्धता और जवाबदेही जरूरी है।"
डॉग बाइट, स्नेक बाइट और हादसों में जरूरी है तत्काल उपचार
भीमताल और आसपास के गांवों में डॉग बाइट, स्नेक बाइट और सड़क दुर्घटनाओं जैसी आपात स्थितियां आम हैं। लेकिन सीएचसी में इन मामलों में त्वरित और प्रभावी इलाज के अभाव में मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है।
बृजवासी ने जोर देकर कहा कि "ऐसे मामलों के लिए अस्पताल में जरूरी एंटी-रेबीज इंजेक्शन, एंटी-वेनम, और क्रिटिकल केयर सेवाएं उपलब्ध होनी चाहिए।"
अल्ट्रासाउंड और आधुनिक उपकरणों की मांग
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जैसी बुनियादी जांच सेवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। समाजसेवी ने अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन, ब्लड टेस्टिंग उपकरण, और अन्य आधुनिक चिकित्सा संसाधनों की स्थापना की मांग की।
प्रभारी चिकित्साधिकारी ने दिए सुधार के संकेत
डॉ. महतोलिया ने समस्याओं को स्वीकार करते हुए कहा कि स्टाफ की कमी और संसाधनों की अनुपलब्धता के चलते कई बार मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि समाजसेवी द्वारा उठाए गए मुद्दों को संकलित कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
स्थानीय जनता में जगी उम्मीद
निरीक्षण और बातचीत के दौरान राज्य आंदोलनकारी बी.डी. पलड़िया भी मौजूद रहे। स्थानीय नागरिकों ने बृजवासी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम लंबे समय से उठाए जाने की जरूरत थी। स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी समाज की रीढ़ होती हैं और अब उन्हें भीमताल में भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।