

जनपद हरिद्वार में इस आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
महिला होंगी आत्मनिर्भर
हरिद्वार: जनपद में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे की देखरेख में “आकांक्षा हाट” का भव्य शुभारंभ किया गया। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया कदम है । यह आयोजन नीति आयोग के आठ दिवसीय संपूर्णता अभियान के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना है।
हर की पैड़ी स्थित सीसीआर टावर के सामने 2 अगस्त तक चलने वाले इस हाट में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है।
पहले ही दिन डेयरी उत्पाद, जूट से बने सामान, हस्तनिर्मित वस्त्र और अन्य उपयोगी वस्तुओं की बिक्री के माध्यम से लगभग 26 हजार रुपये का कारोबार हुआ, जो इस पहल की सफल शुरुआत का संकेत है।
ग्राहकों की प्रतिक्रिया को समझने और पहल को और बेहतर बनाने के लिए हैंड रिटन फीडबैक बोर्ड और “हुनर की छाप” हैंड पेंट की व्यवस्था भी की गई है। इससे न सिर्फ महिलाओं के हुनर को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि उन्हें बाजार की मांग के अनुरूप काम करने का अवसर भी मिलेगा।
महिलाओं के उत्साहवर्धन और कार्यक्रम की सफलता को देख परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री कैलाश नाथ तिवारी, सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलिनीेत घिल्डियाल, जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना और डीओ पीआरडी श्री प्रमोद पांडेय ने हाट का दौरा कर महिलाओं से बातचीत की और उनके प्रयासों की सराहना की।
इस आयोजन को सफल बनाने में जिला प्रशासन, नीति आयोग और ग्रामोउत्थान परियोजना का संयुक्त प्रयास प्रशंसनीय है। “आकांक्षा हाट” न केवल महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।
आने वाले दिनों में इस पहल के माध्यम से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने की योजना है।
आकांक्षा हाट जैसी पहल महिलाओं को अपनी मेहनत का सही मूल्य दिलाने के साथ-साथ समाज में उनकी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने का माध्यम बन रही है।
ऐसे आयोजनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और स्थानीय उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। स्थानीय लोग भी इस हाट में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और महिलाओं के उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं।
जनपद हरिद्वार में इस आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।