

यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने कार्रवाई की रफ्तार तेज कर दी है। शनिवार देर रात हरिद्वार जिले के सुल्तानपुर में आरोपी खालिद के घर SIT प्रमुख जया बलूनी अपनी टीम के साथ पहुंचीं। पढ़ें पूरी खबर
हरिद्वार: यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने कार्रवाई की रफ्तार तेज कर दी है। शनिवार देर रात हरिद्वार जिले के सुल्तानपुर में आरोपी खालिद के घर SIT प्रमुख जया बलूनी अपनी टीम के साथ पहुंचीं। करीब तीन घंटे तक चले इस अभियान ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया।
परिवारजनों को भी सवालों के घेरे में...
जानकारी के मुताबिक, टीम ने खालिद से सख्ती से पूछताछ की और उसके परिवारजनों को भी सवालों के घेरे में लिया। खालिद की बहन और पिता से अधिकारियों ने अलग-अलग पूछताछ की, ताकि बयान में अंतर स्पष्ट हो सके। SIT सूत्रों के अनुसार, खालिद की बहन द्वारा मांगे गए शैक्षिक प्रमाण पत्र अब तक टीम को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच अधिकारी ने चेतावनी भी दी कि यदि दस्तावेज तुरंत प्रस्तुत नहीं किए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तलाशी में कई अहम दस्तावेज और नोट्स बरामद
पूछताछ के दौरान SIT ने घर की तलाशी भी ली। तलाशी में कई अहम दस्तावेज और नोट्स बरामद हुए, जिन्हें टीम ने अपने कब्जे में ले लिया। अधिकारियों का मानना है कि ये कागजात पेपर लीक प्रकरण की कड़ियों को जोड़ने में अहम साबित हो सकते हैं। वहीं, देर रात चली इस कार्रवाई के दौरान सुल्तानपुर गांव में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल पूरी तरह अलर्ट पर रहा।
पूछताछ का सिलसिला
SIT प्रमुख जया बलूनी ने मीडिया को बताया कि जांच केवल सतही नहीं रहेगी, बल्कि मामले की जड़ों तक पहुंचने के लिए लगातार पूछताछ जारी रहेगी। जब तक सभी आरोपियों और गवाहों के बयानों में समानता नहीं आएगी, तब तक पूछताछ का सिलसिला थमने वाला नहीं है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जैसे ही SIT की गाड़ियां गांव में दाखिल हुईं, पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोग देर रात तक घटनाक्रम पर नजर बनाए रहे। सूत्रों का कहना है कि खालिद से जुड़े नेटवर्क और उसकी भूमिका को लेकर SIT के पास पहले से कुछ अहम सुराग हैं, जिन्हें पुख्ता करने के लिए यह पूछताछ की जा रही है।
यह कार्रवाई पेपर लीक मामले की तह तक पहुंचने की दिशा में बड़ी और निर्णायक मानी जा रही है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि बरामद दस्तावेज और बयानबाजी में सामने आ रहे तथ्यों से जल्द ही इस घोटाले के पीछे छिपे असली मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सकेगा।